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सुंदर पहाड़ी पर बनेगा पुलिस कैंप

सुंदर पहाड़ी पर बनेगा पुलिस कैंपसंथाल परगना में नक्सली गतिविधि पर रोक लगाने की कवायद10 अक्तूबर को मुठभेड़ में शहीद हुए थे दो पुलिसकर्मीवरीय संवाददाता, रांचीगोड्डा में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों के शहीद हाेने की घटना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय संथाल परगना में नक्सली गतिविधि पर रोक लगाने की कोशिश […]

सुंदर पहाड़ी पर बनेगा पुलिस कैंपसंथाल परगना में नक्सली गतिविधि पर रोक लगाने की कवायद10 अक्तूबर को मुठभेड़ में शहीद हुए थे दो पुलिसकर्मीवरीय संवाददाता, रांचीगोड्डा में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों के शहीद हाेने की घटना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय संथाल परगना में नक्सली गतिविधि पर रोक लगाने की कोशिश में जुट गयी है. इस प्रमंडल के चार जिलों दुमका, पाकुड़, गोड्डा और देवघर में नक्सली गतिविधियों की पुष्टि हो चुकी है. गोड्डा जिला के गोड्डा-धरमपुर रोड के निकट स्थित सुंदर पहाड़ी पर पुलिस कैंप बनाने पर फैसला लिया जा रहा है. पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के लिए यह पहाड़ी झारखंड के दुमका, पाकुड़, गोड्डा और बिहार के भागलपुर और बांका जिला का केंद्र बना हुआ है. नक्सली एरिया कमांडर शहदेवर राय उर्फ ताला मुर्मू इसी इलाके में छिप कर आसपास के इलाकों में नक्सली गतिविधि को संचालित कर रहा है. उल्लेखनीय है कि 10 अक्तूबर को इसी पहाड़ी के निकट नक्सलियों की बैठक चल रही थी. बैठक की सूचना पर वहां पहुंची पुलिस पर नक्सलियों ने फायरिंग की. मुठभेड़ में पुलिस के दो जवान शहीद हो गये. कई जिलों से नजदीक है सुंदर पहाड़ीसुंदर पहाड़ी पर पुलिस कैंप बनाने की वजह यह है कि यहां से दुमका, देवघर, गोड्डा और पाकुड़ के नक्सल गतिविधि वाले इलाके जुड़ते हैं. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सुंदर पहाड़ी पर पुलिस कैंप बनने के बाद वहां से कई इलाकों पर नजर रखी जा सकती है. जानकारी के मुताबिक दुमका जिला का काठीकुंड, अमरापाड़ा, महेशपुर, तालझाड़ी, देवघर का हंसडीहा, गोड्डा का महगामा, पाकुड़ का लिट्टीपाड़ा इलाका बहुत नजदीक है. इन इलाकों में घूमने के बाद नक्सली सुंदर पहाड़ी के इलाके में पहुंच जाते हैं. भागलपुर और बांका जिला का कुछ हिस्सा भी इस पहाड़ी के नजदीक है. पाकुड़ से मिलता है नक्सलियों को लेवीपाकुड़ जिला के कोयला खदानों से हो रहे कोयला के अवैध कारोबार से नक्सलियों को इस इलाके में लेवी मिलता है. लेवी की राशि मिलती रहे, इसलिए नक्सली उस इलाके में अपनी गतिविधि और दबदबा बनाये रखना चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में नक्सलियों ने पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद नक्सलियों ने पिछले लोकसभा चुनाव में दुमका के शिकारीपाड़ी क्षेत्र में मतदान करा कर लौट रही पुलिस टीम व पोलिंग पार्टी को निशाना बनाया था.

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