अब वह कार्यालय का कार्य निबटायें, ओपीडी करे, मीटिंग या ट्रेनिंग में जायें या इमरजेंसी सेवा दें. अनुमंडलीय अस्पताल में सात चिकित्सक का पद सृजित होता है, लेकिन हुसैनाबाद में चार ही चिकित्सक का पद सृजित है और अभी एक चिकित्सक हैं. हुसैनाबाद में स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए एक आयुष चिकित्सक भी पदस्थापित हैं. उनसे स्कूल हेल्थ की जगह इमरजेंसी और ओपीडी कराया जा रहा है. आयुष चिकित्सक अस्पताल में एलोपैथी की दवाएं लिखते हैं, यह कितना उचित है. हद तो यह है कि उनसे इमरजेंसी का भी कार्य कराया जा रहा है. इसी प्रकार हैदरनगर पीएचसी में दो चिकित्सक का पद सृजित है. जिसमें एक चिकित्सक का 2014 में ही स्थानांतरण हो गया, दूसरे छुी लेकर चले गये. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अधौरा के चिकित्सक डॉ बिनोद कुमार सिंह को हैदरनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त किया गया है. वह सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक ओपीडी का कार्य निबटाने के बाद मोहम्मदगंज चले जाते हैं, चूंकि मोहम्मदगंज भी प्रखंड मुख्यालय है, लेकिन यहां मात्र एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है.
स्वास्थ्य उपकेंद्र में चिकित्सक नहीं सिर्फ एएनएम व अन्य कर्मचारियों को ही पदस्थापित किया जा सकता है. इसलिए मोहम्मदगंज प्रखंड मुख्यालय चिकित्सक विहीन है. डॉ बिनोद कुमार सिंह ही मोहम्मदगंज उप स्वास्थ्य केंद्र में सेवा भाव से सेवा दिया करते हैं. इसी प्रकार अनुमंडल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुलंद बिगहा में एक भी चिकित्सक नहीं हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उर्दवार मजुराहा में दो की जगह एक चिकित्सक पदस्थापित है. हुसैनाबाद के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके रवि ने बताया कि समस्या तो है, लेकिन जितना संसाधन उपलब्ध है उसी में बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है.