17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मलंगा पहाड़ से एक और महिला नक्सली गिरफ्तार!

मेदिनीनगर : छतरपुर थाना क्षेत्र के मलंगा पहाड़ पर सोमवार को हुए मुठभेड़ में मारे गये जोनल कमांडर राकेश भुइयां सहित चार माओवादियों के शव का अंत्यपरीक्षण मंगलवार को सदर अस्पताल में किया गया. सूचना के मुताबिक अंत्यपरीक्षण के बाद लल्लू यादव के परिजन अस्पताल में पहुंचे थे. उनलोगों का कहना था कि लल्लू यादव […]

मेदिनीनगर : छतरपुर थाना क्षेत्र के मलंगा पहाड़ पर सोमवार को हुए मुठभेड़ में मारे गये जोनल कमांडर राकेश भुइयां सहित चार माओवादियों के शव का अंत्यपरीक्षण मंगलवार को सदर अस्पताल में किया गया. सूचना के मुताबिक अंत्यपरीक्षण के बाद लल्लू यादव के परिजन अस्पताल में पहुंचे थे. उनलोगों का कहना था कि लल्लू यादव को वे लोग हमेशा समझाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था. मालूम हो कि दो महिला सदस्य भी मारी गयी है,

जिसमें एक रूबी कुमारी और दूसरे का नाम रिंकी कुमारी है. इस बीच चर्चा है कि पुलिस ने एक और महिला नक्सली को पकड़ा है, जिससे पूछताछ की जा रही है. यद्दपि पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है. बताया जाता है कि जोनल कमांडर राकेश भुइयां के मारे जाने के बाद उसके दस्ते में कुछ महिला सदस्य भी बची है. उन महिला सदस्य आत्मसमर्पण करें. इस कार्य योजना पर भी पुलिस विचार कर रही है. कोशिश की जा रही है कि उनके परिजनों के माध्यम से महिला माओवादियों को समझाने का प्रयास किया जाये, ताकि वे लोग

मुख्यधारा से जुड़ सकें. पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा की माने तो पुलिस मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाती है.यही कारण है कि आठ फरवरी को झुनझुना पहाड़ी पर जो मुठभेड़ हुआ था, उसमें एक महिला माओवादी घायल हुई थी. जिसका इलाज पुलिस के देखरेख में हुआ. जरूरत पड़ने पर सीआरपीएफ के जवान ही उस महिला माओवादी को खून दिया था. मुठभेड़ की घटना के बाद इलाके में सर्च अभियान जारी है. सोमवार को हुए मुठभेड़ की घटना से यह साफ है कि वैसे इलाके जो पूर्व में नक्सलियों का सेफजोन था. वहां पुलिस ने अपनी पकड़ बनायी है. न सिर्फ अपनी पकड़ बनायी है, बल्कि लोगों में विश्वास भी पैदा करने में सफल रही है. यही कारण है कि पूर्व में जहां इस बात को लेकर चर्चा होती थी कि पुलिस की सूचनातंत्र कमजोर हुई है. पुलिस की गतिविधियों की जानकारी माओवादियों तक पहुंच जाती है. इसलिए माओवादी पुलिस का नुकसान कर देते हैं. क्योंकि अॉपरेशन के दौरान भी पुलिस जब जंगल के तरफ जाती थी, तो वह गांव से होकर गुजरती थी. तब ग्रामीणों के बीच पैठ होने के कारण माओवादियों तक सूचना पहुंचती थी. लेकिन अब परिस्थितियों में बदलाव हुआ है.

विकास के साथ -साथ सुरक्षा का माहौल तैयार करने के साथ-साथ विश्वास का वातावरण भी बना है. इसलिए ग्रामीण नक्सलियों के खिलाफ खड़े नही हुए है लेकिन पूर्व की तरह वह माओवादियों के लिए भी नही खड़े है. यहीं कारण है कि माओवादियों का सूचनातंत्र कमजोर हुआ है और पुलिस इलाके में मजबूत हुई है. आपरेशन के दौरान एसपी इंद्रजीत माहथा आमजनों से सीधा संवाद करते है. समय मिलने पर बच्चों को पढ़ाना भी नहीं भुलते है. बताते हैं कि उग्रवाद कितना घातक है समाज के लिए.

कुल मिलाकर देखा जाये तो अभियान के साथ-साथ आमजनों से सीधा संवाद से भी पुलिस की एक बेहतर छवि निखरी है और उग्रवादियों के खिलाफ मिल रही सफलता की एक बड़ी वजह यह भी है. बरहाल मामला चाहे जो कुछ भी हो उग्रवाद से ग्रस्त पलामू जिला उग्रवाद मुक्त जिला की ओर बढ़ रहा है. जिस तरह पुलिस को लगातार उग्रवादियों के खिलाफ सफलता मिल रही है. उसे देखकर उम्मीद की जानी चाहिए की आने वाले दिनों में यह जिला उग्रवाद मुक्त होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें