मेदिनीनगर: भारतीय डाक विभाग द्वारा राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में टाउन हाल में दो दिवसीय डाक टिकट प्रदर्शनी लगायी गयी है. शुक्रवार को इस प्रदर्शनी का उदघाटन हुआ. मुख्य अतिथि झारखंड परिमंडल की मुख्य डाक महाध्यक्ष शशि शालिनी कुजूर व विशिष्ट अतिथि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसएन सिंह, मुख्य वन संरक्षक आरके वाजपेयी, संत मरियम स्कूल के निदेशक अविनाश देव ने संयुक्त रूप से दो दिवसीय डाक टिकट प्रदर्शनी का उदघाटन किया.
इसके बाद छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया. अतिथियों को बुके से स्वागत व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर नीलांबर-पीतांबर विवि व संत मरियम आवासीय उच्च विद्यालय के विशेष आवरण का विमोचन किया गया. मुख्य अतिथि झारखंड परिमंडल की मुख्य डाक महाध्यक्ष शशि शालिनी कुजूर ने कहा कि पलामू डिवीजन में डाक टिकट प्रदर्शनी लगाया जाना झारखंड सर्किल के लिए गौरव की बात है.
कई जगहों पर पासपोर्ट बनाने का काम शुरू हुआ है.डालटनगंज में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र खोला जायेगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है. पलामू डिवीजन के लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए रांची जाना नहीं पड़ेगा. उन्होंने डाक टिकट संग्रह करने में रुचि लेने के लिए लोगों को प्रेरित किया और इसके फायदे भी बताये. कुलपति डॉ एसएन सिंह ने डाक विभाग की स्थापना एवं उसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि शहर व गांवों में डाक विभाग की अलग पहचान थी. लोग डाकिया का इंतजार करते थे. लेकिन दूर संचार के क्षेत्र में क्रांति आने के बाद अब डाकिया के महत्व में कमी आयी है. फिर भी डाक विभाग के कार्य में कमी के बजाये उसका विस्तार हुआ है. बदलते परिवेश में डाक विभाग भी तकनीक का प्रयोग कर रही है और अनेक तरह की सेवाएं विभाग द्वारा प्रदान की जा रही है. देश सेवा व जनसेवा में डाक विभाग की अहम भूमिका है. मुख्य वन संरक्षक आरके वाजपेयी ने कहा कि डाक विभाग से लोगों का जुड़ाव कम नहीं हुआ है. अनेक तरह की सेवा कार्य के कारण लोगों का लगाव बढ़ा है.
संत मरियम आवासीय विद्यालय के निदेशक अविनाश देव ने कहा कि मोबाइल के आने के बाद पत्राचार लगभग समाप्त हो गया है. लेकिन पत्राचार में जो अपनापन का जो भाव छिपा हुआ था वह भाव मोबाइल में नही है. इसलिए लोगों को चाहिए कि रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने के लिए पत्राचार अवश्य करें. डाक अधीक्षक केएन तिवारी ने डाक प्रदर्शनी के औचित्य एवं डाक विभाग की सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि लोगों को डाक टिकट का संग्रह करना चाहिए. पूर्व में डाक टिकट संग्रह करना लोगों का शौक था. लेकिन युवा पीढ़ी का रुझान इस ओर नही है.
डाक टिकट प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों को शामिल करने का मुख्य उदेश्य डाक टिकट संग्रह के प्रति रुझान पैदा करना है. इससे ज्ञान वृद्धि के साथ-साथ मानसिक व बौद्धिक विकास होता है. कार्यक्रम का संचालन एके वैद्य ने किया. मौके पर गणेश मेहता, विश्वनाथ प्रजापति, अजय कुमार सिंह, अमर प्रताप सिंह, रामे उरांव के अलावे काफी संख्या में स्कूली बच्चे मौजूद थे.