मेदिनीनगर : कुलपति एसएन सिंह ने जीएलए कॉलेज को नैक की मान्यता दिलाने के लिए कॉलेज के शिक्षकों से समझ व विवेक का इस्तेमाल कर मेहनत करने को कहा है, ताकि प्रीमियर कॉलेज को नैक की मान्यता मिल सके. कुलपति श्री सिंह इस बात को लेकर गंभीर है. शुक्रवार को इस विषय को लेकर जीएलए कॉलेज में आहूत बैठक में कुलपति ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस मामले में किसी स्तर पर लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने इसके लिए समय का निर्धारण भी किया है.
कहा है कि तीन माह के अंदर नैक की तैयारी को अंतिम रूप दें. समितियों का गठन कर रोजाना काम करें. काम के साथ उसकी समीक्षा भी करें. यह देखें कहीं चूक तो नहीं हो रही है, यदि कहीं चूक हो रही है तो तत्काल उसका सुधार करें. नैक की मान्यता दिलाने के कार्य को लक्ष्य के रूप में लें. इसे पूरा करने के लिए ईमानदारी के साथ काम करें. कुलपति ने जीएलए कॉलेज को अबतक नैक की मान्यता नहीं मिलने पर भी अफसोस जताया. कहा कि अब पुरानी बातों को कुरेदे बिना बेहतर माहौल बनाने की जरूरत है. पूर्व में किन कारणों से कॉलेज को नैक की मान्यता नहीं मिल सकी. इससे सभी वाकिफ होंगे. इसलिए पुरानी गलती न हो, इसे ध्यान में रख कर भी काम करें. बैठक में आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ आरके झा को कहा गया कि आईक्यूएसी के कक्ष को सुव्यवस्थित कर प्रत्येक विभाग के तथ्यों को कंप्यूटरीकृत और दस्तावेजीकरण करें. बैठक में विज्ञान संकाय के डीन डॉ एसपी सिन्हा, मानविकी और समाज विज्ञान संकाय के डीन डॉ आरआर किशोर, प्रभारी प्राचार्य डॉ जय गोपाल धर दुबे, डॉ आरके झा, डॉ कुमार वीरेंद्र, डॉ रवि शंकर, डॉ विमल कुमार सिंह, डॉ श्रवण कुमार, डॉ दिलीप कुमार, संजीव कुमार सिंह, डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ जसबीर बग्गा, डॉ मंजू सिंह, प्रो ऋचा सिंह, डॉ इंद्रजीत प्रसाद, प्रो रामानुज प्रसाद शर्मा, डॉ सत्येन्द्र नारायण सिंह, प्रो डीसी दूबे, मिथिलेश पांडेय, अखिलेश यादव सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे.