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30-35 छात्राओं ने छात्रावास छोड़ा

मामला . रविवार रात हुई घटना के बाद छात्रावास की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल पाकुड़ : कल्याण विभाग की ओर से बनाये गये उपरोक्त छात्रावास में असुरक्षित महसूस कर छात्राएं प्रतिदिन छात्रावास छोड़ने को मजबूर हैं. रविवार की रात्रि हुए घटना के बाद करीब 30-35 छात्राओं ने छात्रावास छोड़ कर अपने घर वापस चली […]

मामला . रविवार रात हुई घटना के बाद छात्रावास की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

पाकुड़ : कल्याण विभाग की ओर से बनाये गये उपरोक्त छात्रावास में असुरक्षित महसूस कर छात्राएं प्रतिदिन छात्रावास छोड़ने को मजबूर हैं. रविवार की रात्रि हुए घटना के बाद करीब 30-35 छात्राओं ने छात्रावास छोड़ कर अपने घर वापस चली गई. सवाल उठता है कि दूर-दराज के आदिवासी गरीब छात्राओं को बेहतर शिक्षा दिये जाने के उदे्श्य से उपरोक्त छात्रावास का निर्माण करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार द्वारा कराया गया,
तो आखिर क्यों नहीं छात्रावास के जर्जर चहारदीवारी व समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं करायी जाती है. यदि यही हाल रहा तो निश्चित तौर पर छात्रावास में रह कर पढ़ रही सभी छात्राएं वापस अपने घर जाने को मजबूर होगी. ऑल आदिवासी यूथ एंड स्टुडेंट यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष मार्क बास्की ने छात्रावास में हुए घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा यदि उपरोक्त बालिका छात्रावास में समुचित सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था नहीं किये जाते हैं तो निश्चित तौर पर यूनियन के बैनर तले आंदोलन किया जायेगा.
समाहरणालय के मुख्य द्वार पर दिया धरना
नया समाहरणालय के मुख्य द्वार पर ही सोमवार को आदिवासी कल्याण बालिका छात्रावास के छात्राओं ने अपने सात सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. छात्र नायिका सोना मरांडी व उपनायिका मनोसी मुर्मू के नेतृत्व में दर्जनों छात्राओं ने प्रशासन के विरुद्ध धरना के दौरान जम कर नारेबाजी भी किया. छात्राओं ने उपायुक्त पाकुड़ को एक स्मार पत्र सौंप कर छात्रावास में सुविधा बढ़ाये जाने, छात्रावास की चहारदीवारी को ऊंचा किये जाने, छात्रावास के चारों ओर वेपर लाइट लगाये जाने, रात्रि सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाये जाने, पेयजल समस्या को दूर किये जाने, जनरेटर की व्यवस्था किये जाने, चहारदिवारी के भीतर उगे जंगलों की सफाई कराये जाने सहित अन्य सुविधाओं की मांग की. इधर उपायुक्त के पहल पर लगभग चार घंटे के पश्चात मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी प्रशांत लायक, पुलिस निरीक्षक सह नगर थाना प्रभारी एस0 एस0 तिवारी ने वहां पहुंच कर छात्राओं को समझाया-बुझाया. साथ ही अविलंब पूरे परिसर में लाइट की सुविधा बढ़ाये जाने तथा बाकी मांगों पर भी कार्रवाई किये जाने के आश्वासन के बाद छात्राओं का गुस्सा शांत हुआ. मौके पर ऑल आदिवासी यूथ स्टुडेंट यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष मार्क बास्की, छात्रावास की छात्रा अनीता टुडू, संगीता टुडू, पिंकी टुडू, मोनिका सोरेन, पूर्णिमा सोरेन, आरती हांसदा उपस्थित थे.
क्या कहते हैं एसपी
एसपी अजय लिंडा ने कहा कि घटना की सूचना उन्हें मिली है. पुलिस छात्राओं की सुरक्षा को लेकर तत्पर है. उन्होंने छात्राओं से अपील किया है कि निर्भिक हो कर छात्रावास में रह कर वे अपना पढ़ाई करें. कहा कि उपरोक्त छात्रावास में स्थायी तौर पर दो चौकीदार का कमान काटा गया है.
क्या कहती हैं छात्राएं
आदिवासी बालिका कल्याण छात्रावास की छात्र नाईका सोना मरांडी ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी प्रशासन को उपरोक्त मामले की सूचना दी गई थी. बावजूद अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं किया जाना प्रशासन की सुस्त रवैये को दर्शाता है.
सोना मरांडी
प्रशासन को छात्रावास में समुचित व्यवस्थाओं के साथ सुरक्षा का भी प्रबंध करना चाहिए. वर्तमान में छात्राएं भयभीत हो कर छात्रावास छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.
मनोसी मुर्मू
शरारती युवक रात के अंधेरे में छात्रावास में घुसते हैं, ऐसे में छात्राएं अपने-आप को सुरक्षित नहीं समझ पा रही है. प्रतिदिन भयभीत हो कर छात्राएं छात्रावास छोड़ने को मजबूर हैं.
बिंदु कुमारी
प्रशासन द्वारा इस ओर पहल नहीं की जाती है तो छात्राएं उपरोक्त छात्रावास में नहीं रह पायेगी. जिस उदे्श्य से अभिभावक द्वारा हम सभी को यहां भेजा गया है, वह अधूरा ही रह जायेगा.
नमिता मुर्मू

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