पाकुड़ : कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज परिसर स्थित सभागार में हुल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित की गयी. इसका उदघाटन कॉलेज के प्रार्चाय डॉ चंद्रशेखर झा, प्रो युगल झा, डॉ पी मुखर्जी ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया. प्राचार्य श्री झा ने कहा कि सिदो-कान्हू ने 30 जून 1855 को शोषणकारी व्यवस्था को बदलने […]
पाकुड़ : कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज परिसर स्थित सभागार में हुल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित की गयी. इसका उदघाटन कॉलेज के प्रार्चाय डॉ चंद्रशेखर झा, प्रो युगल झा, डॉ पी मुखर्जी ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया. प्राचार्य श्री झा ने कहा कि सिदो-कान्हू ने 30 जून 1855 को शोषणकारी व्यवस्था को बदलने एवं अंगरेजों के विरूद्ध आंदोलन का बिगुल फूंका था. युवाओं को उनकी जीवनी से प्रेरणा लेनी चाहिए.
वहीं डॉ पी मुखर्जी कहा कि हुल एक प्रकार की क्रांतिकारी की लड़ाई थी. उस लड़ाई में उन्होंने अपनी जान को कुरबान कर दी. कार्यक्रम में शिवप्रसाद लोहरा, डॉ सुशीला हांसदा सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
दर्जनों व्याख्याता कार्यक्रम में नहीं पहुंचे: केकेएम कॉलेज परिसर स्थित सभागार में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हुल दिवस पर गोष्टी का आयोजन किया गया था. गोष्ठी में कॉलेज के सभी शिक्षकों को उपस्थित रहने के निर्देश दिया गया था. बावजूद कुछ ही शिक्षक गोष्ठी में पहुंचे.
इस बारे में प्राचार्य डॉ चंद्रशेखर झा ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सख्त निर्देश दिया गया था कि हुल दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों को कार्यक्रम में उपस्थित रहना है. इसके लिए सभी को सूचना भी दी गयी थी. जो शिक्षक अनुपस्थित थे इसकी सूचना विश्वविद्यालय को दी जायेगी.