झारखंड असंगठित कामगार मोरचा के कार्यकर्ता उतरे सड़क पर
पाकुड़ : झारखंड असंगठित कामगार मोरचा द्वारा गुरुवार को आयोजित झारखंड बंद का पाकुड़ जिले में असर दिखा. मोरचा के सैकड़ों कार्यकर्ता केंद्रीय अध्यक्ष प्रवाल पांडेय के नेतृत्व में सड़कों पर उतरे और जिला मुख्यालय की दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया.
बंद में नन बैंकिंग कंपनियों के सैकड़ों अभिकर्ताओं ने बतौर मोरचा समर्थक बनकर सड़कों पर सक्रिय दिखे. मोरचा द्वारा आयोजित झारखंड बंद का सबसे ज्यादा असर पत्थर एवं कोयला की ढुलाई पर दिखा. कार्यकर्ता टोलियों में बंटकर खुली दुकानों को बंद कराते दिखे. आयोजित बंद की वजह से सवारी एवं भारी वाहनों का परिचालन भी सुबह छह बजे से दोपहर के दो बजे तक प्रभावित रहा.
आयोजित बंद के कारण पत्थर व कोयले की ढुलाई सहित रेल मार्ग से प्रभावित हुई. ढुलाई बाधित होने की वजह से सरकार को लाखों रुपये राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ा. बंद कराने के दौरान बस स्टैंड, हाटापाड़ा, गांधी चौक आदि स्थानों में मोरचा कार्यकर्ताओं एवं दुकानों के साथ हल्की बहस भी हुई. अपने मांगों को लेकर मोरचा के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने समाहरणालय पर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता नन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करो, निवेशकों द्वारा जमा राशि का भुगतान खाताधारियों को करना होगा आदि नारे लगा रहे थे. मोरचा का शिष्टमंडल उपायुक्त से मिला और अपने मांगों के निदान की मांग की.
समाहरणालय पर एसडीओ विद्यानंद शर्मा पंकज ने मोरचा के प्रतिनिधियों को समझा बुझाकर शांत कराया. बंद को सफल बनाने में काशी नाथ, इसमाइल शेख, अनवर हक, यादूल शेख, वीरवल, सफीकुल, बाहिदुल वसल आदि सक्रिय दिखे. पाकुड़िया प्रतिनिधि के मुताबिक मोरचा के बैनर तले नन बैंकिंग कंपनियों के एजेंटों ने सिदो कान्हू चौक को घंटों जाम किया.
जाम का नेतृत्व सुखदेव हांसदा, रकीब अंसारी, जीवन पाठक, चंपक बनर्जी, रिजवान अंसारी, संजय गुप्ता आदि सक्रिय दिखे. अमड़ापाड़ा प्रतिनिधि के मुताबिक मोरचा के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने लिक रोड को जाम कर दिया जिसके कारण कोयले की ढुलाई सड़क मार्ग से बाधित हुई. मामले की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी रंजीत मिंज पहुंचे और सड़क जाम को हटाया.