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चौकिये मत, जरा देखिये ये सड़क है
पाकुड़ : पाकुड़ में मनरेगा के नाम पर जबरदस्त हेराफेरी चल रही है. कुछ काम ऐसे होते हैं जिससे किसी को कोई लाभ ही नहीं मिलता है. लिट्टीपाड़ा प्रखंड के सोनाधनी पंचायत में योजना संख्या 140/आरसी/2014 के तहत कुल 4 लाख 15 हजार 900 रूपये की लागत से एक सड़क बनायी गयी थी. इसकी लंबाई […]
पाकुड़ : पाकुड़ में मनरेगा के नाम पर जबरदस्त हेराफेरी चल रही है. कुछ काम ऐसे होते हैं जिससे किसी को कोई लाभ ही नहीं मिलता है. लिट्टीपाड़ा प्रखंड के सोनाधनी पंचायत में योजना संख्या 140/आरसी/2014 के तहत कुल 4 लाख 15 हजार 900 रूपये की लागत से एक सड़क बनायी गयी थी.
इसकी लंबाई कुल एक किलोमीटर थी. लेकिन जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने योजना स्थल पर जाकर देखा तो वहां कोई सड़क थी ही नहीं. वहां झाड़ जंगल व खेत थे.
सरकारी खाते में तो यह राशि सड़क निर्माण के नाम पर निकाले गये लेकिन जब सड़क ही नहीं बने तो फिर ये रुपये गये कहां इसका कोई लेखा जोखा नहीं है. सरकारी दस्तावेज में यह सड़क मागभीठा पुल से मसानी तक बनाया गया है. फिलहाल जो दृश्य है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में मनरेगा में किस प्रकार लूट मची है. योजना स्थल पर कोई सूचना पट भी नहीं लगाया गया.
बीना काम किये हुई लाखों की निकासी
इस योजना में बिना काम किये ही लाखों रुपये की निकासी कर ली गई है. योजना के नाम पर महज पहाड़ी मिट्टी को ही काट कर इधर उधर फैला दी गई है. जिस कारण अभी ही उपरोक्त पथ पर झाड़ी उग आये हैं. इतना ही नहीं वहां के ग्रामीणों द्वारा उक्त पथ के बीच में ही धान की खेती भी की गयी है.
ऐसे मे देश के मानचित्र पर 10 पिछड़े प्रखंड में लिट्टीपाड़ा का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. विभागीय सूत्रों की माने तो इस योजना में अब तक मजदूरी के नाम पर दो लाख 44 हजार 584 रुपये तथा मेटेरियल के नाम पर 12 हजार 502 रुपये की निकासी हो चुकी है. जबकि बाकी बचे रुपये की निकासी के लिए भी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
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