पाकुड़ : जिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के केस की वकालतनामा फाइल करने को लेकर पाकुड़ व्यवहार न्यायालय अधिवक्ताओं ने मना कर दिया था. उस केस की पैरवी अब देश के चार अलग-अलग राज्य के अधिवक्ता करेंगे.
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चार राज्य के अधिवक्ता करेंगे पीएफआइ के केस की पैरवी
पाकुड़ : जिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के केस की वकालतनामा फाइल करने को लेकर पाकुड़ व्यवहार न्यायालय अधिवक्ताओं ने मना कर दिया था. उस केस की पैरवी अब देश के चार अलग-अलग राज्य के अधिवक्ता करेंगे. जानकारी के मुताबिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने केस की पैरवी कराने को लेकर मदुरै के अधिवक्ता एमो […]
जानकारी के मुताबिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने केस की पैरवी कराने को लेकर मदुरै के अधिवक्ता एमो युसुफ, पुणे के सैफान शेख, कोलकाता के अब्दुल मोमिन हलदार व राजस्थान के एतेमाद हसनैन को तैयार कराया है. गौरतलब हो कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चंद्रपाड़ा निवासी अबैदुर रहमान ने सीजीएम पाकुड़ के न्यायालय में परिवाद संख्या 281/17 दिनांक 13 नवंबर 2017 के तहत परिवाद दायर किया था.
चार राज्य के अधिवक्ता…
जिसमें पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल, पुलिस निरीक्षक सह नगर थाना प्रभारी इंदु शेखर झा, मुफस्सिल थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी लव कुमार के विरुद्ध जबरन नगर थाना के दो सेल में आवश्यकता से अधिक लोगों को रोक कर मारपीट व प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाया था. इसी मामले को लेकर परिवादी अबैदुर रहमान द्वारा स्थानीय अधिवक्ता को वकालत फाइल करने की अपील की थी. साथ ही अधिवक्ता मुहैया कराये जाने को लेकर स्थानीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी पत्र दिया था. उपरोक्त मामले में स्थानीय किसी भी अधिवक्ताओं ने केस को लेकर वकालत फाइल करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी अधिवक्ता मुहैया कराये जाने में असमर्थता जतायी थी.
क्या है मामला : 5 जुलाई 2017 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों ने गो-रक्षा व बच्चा चोर के नाम पर पिछले दिनों हुई हत्या के अलावा ह्वाट्सअप पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में घिरे भाजपा नेता हिसाबी राय को क्लीन चिट दिये जाने मामले को लेकर शहर में जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया था.
इस दौरान नगर थाना के समीप पुलिस व पीएफआइ के सदस्यों के बीच नोक-झोंक हो गयी. घटना को लेकर आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया था. मामले को शांत कराने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा था. इस क्रम में एसडीपीओ श्रवण कुमार, मुफस्सिल के तत्कालीन थाना प्रभारी लव कुमार व अन्य एक पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे. घटना के तुरंत बाद एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल के निर्देश पर पुलिस ने लगभग 50-60 लोगों को हिरासत में लिया था. जिसमें पीएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष हंजला शेख सहित कुल 43 लोगों को जेल भेज दिया था. उक्त घटना को लेकर सदर प्रखंड पाकुड़ के अंचलाधिकारी प्रशांत लायक के फर्द बयान पर मामला भी दर्ज की गयी थी.
मामले पर सीएम ने भी लिया था संज्ञान
पाकुड़ में पीएफआइ के बैनर तले निकाले गये जुलूस के दौरान घटित इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी संज्ञान लिया था. घटना में पीएफआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष सहित 43 लोगों को जेल भेजे जाने और कुछ दिन के बाद ही जेल से सभी को जमानत मिल जाने मामले को लेकर पाकुड़ पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सीएम श्री दास ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी.
स्थानीय वकील तैयार नहीं थे, इसलिए बाहर से बुलाया गया है : महासचिव
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया झारखंड के प्रदेश महासचिव अब्दुल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पाकुड़ एसपी व अन्य पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ पाकुड़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष निजी शिकायत दर्ज की गयी है. पीएफआइ पाकुड़ जिलाध्यक्ष अबैदुर रहमान ने फ्रंट के सदस्यों को जुलाई माह में झूठे केस में गिरफ्तार कर नगर थाना में बंद करने व हिरासत में लेकर मारपीट व यातना देने के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराया गया है.
कोई भी स्थानीय वकील पुलिस अत्याचारों व मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ वकालत फाईल करने के लिए तैयार नहीं था. इसलिए देश के विभिन्न हिस्सों के अधिवक्ता मदुरै, पुणे, कोलकाता व राजस्थान से वकील ने मामले में हस्तक्षेप किया है. शिकायतकर्ता की ओर से वकालतनामा भी फाइल किया है.
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