25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं ग्रामीण

उदासीनता . आदिवासी बहुल मालीपाड़ा गांव विकास से कोसों दूर सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. पाकुड़ : सरकार गांवों के विकास को लेकर योजनाएं तो चला रही है, परंतु आवश्यकता को प्राथमिकता नहीं दिये जाने के कारण जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ […]

उदासीनता . आदिवासी बहुल मालीपाड़ा गांव विकास से कोसों दूर

सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.
पाकुड़ : सरकार गांवों के विकास को लेकर योजनाएं तो चला रही है, परंतु आवश्यकता को प्राथमिकता नहीं दिये जाने के कारण जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. योजनाओं का सही जगह क्रियान्वयन नहीं होने के कारण कई गांव के लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. जिले के पाकुड़ सदर प्रखंड के शहरकोल पंचायत का मालीपाड़ा गांव विकास के से कोसों दूर है. गांव के ग्रामीण समस्याओं की मकड़जाल से घिरे हुए हैं. मालीपाड़ा गांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है.
जहां गांव के लोग पानी, सड़क, स्वास्थ्य आदि की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में सबसे बड़ी समस्या पानी की है. भीषण गरमी में लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि मालीपाड़ा गांव में दो टोला है. जिसमें ऊपर टोला में पानी की गंभीर समस्या है. ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन ने गांवों की समस्या को समाधान करने की मांग की है. गौरतलब हो कि मालीपाड़ा गांव जिला मुख्यालय से पांच किमी व प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी की दूरी पर होने के बावजूद गांव में समस्या का अंबार लगा हुआ है.
केवल वोट मांगने पहुंचते हैं जनप्रतिनिधि : मालीपाड़ा गांव की कुल आबादी लगभग 500 है, जिसमें कुल वोटरों की संख्या 350 है. गांव के ग्रामीण सोम मरांडी, लखीमुनी मुर्मू, शिबू मरांडी, बाबूधन मुर्मू, रामशय हांसदा, मायाबिटी सोरेन आदि ने बताया कि जनप्रतिनिधि व पंचायत प्रतिनिधि केवल चुनाव के समय ही वोट मांगने आते हैं. ग्रामीणों की समस्या जानने अबतक एक भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि गांव की समस्याओं के समाधान को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन से गुहार लगायी गयी है. इसके बावजूद भी गांवों के विकास को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है.
कुएं का गंदा पानी पीने को विवश हैं ग्रामीण
मालीपाड़ा गांव में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से कुल 10 चापाकल लगाया है. जिसमें ऊपर टोला में कुल तीन व प्रधान टोला में 7 चापाकल हैं. मालीपाड़ा ऊपर टोला में भीषण गरमी के कारण जलस्तर नीचे चल गया है. इस कारण चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है. वहीं प्रधान टोला में सात चापाकल में से सिर्फ दो चापाकल से ही पानी निकलता है. ऊपर टोला के ग्रामीण गांव के बाहर बहियार में वर्षों पूर्व बने कुआं का गंदा पानी पीने को विवश हैं. उक्त कुआं के समीप सुबह व शाम को पानी भरने को लेकर लोगों की काफी भीड़ लगी रहती है. उक्त कुआं भी काफी खतरनाक है, जिसमें कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए नहीं है पक्की सड़क
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में तो पक्की सड़क है. पंरतु गांव को मुख्य सड़क तक जोड़ने वाली कच्ची सड़क रहने के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. खासकर ग्रामीणों को बरसात के समय में आने-जाने में काफी परेशानी होती है. बरसात के समय गर्भवती महिलाओं व मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव में स्वास्थ्य सेवा की भी कोई व्यवस्था नहीं है. गांव के लोगों को इलाज कराने के लिए गांव से सात से आठ किलोमीटर दूर सोनाजोड़ी जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने को लेकर जिला प्रशासन को उचित पहल करनी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें