लोहरदगा : लोहरदगा शहरी क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं होने से आमजन परेशान हैं. लोग पूरी तरह शहरी जलापूर्ति पर निर्भर है़ं लेकिन नगर परिषद के जनप्रतिनिधि और अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी शायद लोहरदगा शहर की जनता के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं. क्योकि गर्मी के दस्तक देने के साथ ही शहर में पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी थी.
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15 दिनों से ठप है शहरी जलापूर्ति
लोहरदगा : लोहरदगा शहरी क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं होने से आमजन परेशान हैं. लोग पूरी तरह शहरी जलापूर्ति पर निर्भर है़ं लेकिन नगर परिषद के जनप्रतिनिधि और अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी शायद लोहरदगा शहर की जनता के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं. क्योकि गर्मी के दस्तक […]
उसी समय से लोगों को झूठा आश्वासन दिया जा रहा है. पिछले दिनों आक्रोशित लोगों ने नगर परिषद कार्यालय में जा कर तोड़-फोड़ भी की थी. पुलिस बुला कर मामला शांत कराया गया था और कार्यपालक पदाधिकारी ने वादा किया था कि कल से पानी की आपूर्ति नियमित होगी.
लेकिन चार दिन गुजर जाने के बाद भी वो कल नहीं आया. स्थिति यह है कि शहरी क्षेत्र की महिलाएं रात के अंधेरे में या अहले सुबह पानी की जुगाड़ में निकल पड़ती है. हर तबके के लोग परेशान हैं. लोग अपना सभी काम छोड़ कर पानी के जुगाड़ में लग जा रहे है़ं लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. लोग नल की ओर टकटकी लगाये रहते हैं, नल के नीचे बाल्टी लगा कर इंतजार करते हैं. लेकिन पानी नहीं आना है तो लाख इंतजार करे पानी नहीं आता है. लोग कभी अपनी तकदीर तो कभी व्यवस्था को कोसते हैं.
लेकिन पानी का बंदोबस्त नहीं होता है. नगर परिषद के अधिकारी जिले के उपायुक्त को भी गलत जानकारी दे रहे हैं कि पूरे शहर में शहरी जलापूर्ति एवं टैंकर से पानी की आपूर्ति हो रही है. जबकि सच्चाई यह है कि पानी के नाम पर नगर परिषद में लूट की खुली छूट है. टैंकर में पानी आपूर्ति के नाम पर भी घोटाला किया जा रहा है. शहरी जलापूर्ति पूरी तरह ठप है लोग जार का पानी खरीद कर किसी तरह काम चला रहे हैं.
एक तो तपती गर्मी ऊपर से पानी की किल्लत ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. शहर के तमाम कुएं सुख चुके हैं. कोर्ट रोड में हिंडालको कंपनी द्वारा बॉक्साइट डंपिंग यार्ड बना दिये जाने से उस इलाके का कुआं पहले ही सुख चुका है़ जलस्तर पताल छूने लगा है. शहर से तालाब गायब हो रहे हैं. लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि और अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. जल संकट का आलम यह है कि अब शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने में भी परेशानी हो रही है.
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