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लोग अपने अधिकार व कर्त्तव्य निभायें

लोहरदगा : किस्को प्रखंड के छलको डीपा स्कूल में विधायक सुखदेव भगत के कोष से बननेवाले एक कमरे के निर्माण का शिलान्यास गांव के पुजार तथा युवा नेता अभिनव सिद्धार्थ ने किया. उन्होंने कहा कि विकास की पहली सीढ़ी शिक्षा है और शिक्षा के क्षेत्र में जितना विकास होगा, हमारा समाज उतना ही आगे बढ़ेगा. […]

लोहरदगा : किस्को प्रखंड के छलको डीपा स्कूल में विधायक सुखदेव भगत के कोष से बननेवाले एक कमरे के निर्माण का शिलान्यास गांव के पुजार तथा युवा नेता अभिनव सिद्धार्थ ने किया. उन्होंने कहा कि विकास की पहली सीढ़ी शिक्षा है और शिक्षा के क्षेत्र में जितना विकास होगा, हमारा समाज उतना ही आगे बढ़ेगा.
आज समाज में जो कुरीतियां, अंधविश्वास, पिछड़ापन है उसका एक मात्र कारण अशिक्षा है. पढ़े-लिखे घरों में डायन-बिसाही नहीं होती है. ये सिर्फ अनपढ़ और अंधविश्वासियों के घर में होती है. जबकि सच्चाई तो यह है कि डायन-बिसाही नाम की कोई चीज होती ही नहीं है. कमजोर लोगों को सताने का एक माध्यम डायन-बिसाही बन गया है.
ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है और जो लोग किसी को डायन-बिसाही बताते हैं, उन्हें सबक सीखाने की भी जरूरत है. प्राय: देखा जाता है कि विधवा या कमजोर लोगों को ही लोग ऐसे मामलों में फंसाते हैं. उन्होंने लोगों से अंधविश्वास से दूर रहने की बात कही. उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने को कहा और कहा कि सभी लोग अपने बच्चों को विद्यालय भेजें. जो अभिभावक खुद नहीं पढ़ सके हैं, वे लोग साक्षरता केंद्रों में जाकर लिखना-पढ़ना सीखें. निरक्षर मनुष्य पशु के समान है.
अभिनव सिद्धार्थ ने कहा कि हमारे समाज के बुद्धिजीवियों द्वारा छलकोडीपा जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में आपसी सहयोग से स्कूल खोल कर शिक्षा की ज्योति जलाने का जो प्रयास किया गया है, मैं उसका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि विधायक सुखदेव भगत ने अपने कोष से यहां कमरे का निर्माण करा कर इस कार्य को आगे बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया है. विधायक भी इसके लिए बधाई के पात्र हैं.
उन्होंने कहा कि समाज का विकास तभी संभव है, जब सभी लोग संगठित होकर काम करेंगे. गांव में आपसी विवाद नहीं होना चाहिए. गांव के विकास के लिए आपलोग योजना बनायें. उस योजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी विधायक सुखदेव भगत की है.
आज शराब के कारण घर उजड़ रहे हैं. आदिवासी समाज के लोगों को नशापान से दूर रहने की जरूरत है. आप अपने हक और अधिकार को पहचाने. साथ ही अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन भी ईमानदारी पूर्वक करें, तो सही तरीके से समाज का विकास होगा. आज लोग अधिकार को तो देखते हैं, लेकिन अपने कर्त्तव्य को भूलते जा रहे हैं. समाज में हमें महिलाओं को सम्मान देना होगा. महिला घर की रीढ़ होती है. आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं हैं. महिलाएं समूह बना कर स्वरोजगार करें और अपने परिवार की अर्थिक स्थिति को मजबूत करें.
उन्होंने तमाम महिलाओं से आह्वान करते हुए कहा कि आपलोग पढ़ना-लिखना सीखें और समाज के विकास में अपनी भूमिका निभाएं. इस अवसर पर आचार्य माघी उरांव, पुजार विजय उरांव, बिरसा उरांव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष साजिद अहमद चंगु, सामुल अंसारी, नईम जकरिया, रामदेव उरांव, दयानंद, शनिचरवा उरांव, पूर्णिमा उरांव, नीरज उरांव, खदिया उरांव, समीद अंसारी, रणवीर उरांव, संदीप खाखा, मंजू उरांव, शांति उरांव, सोमिना उरांव, विश्राम उरांव, जेरकु उरांव, गोपाल उरांव सहित काफी संख्या में ग्रामीण एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे.
इसके पूर्व छलकोडीपा पहुंचने पर अभिनव सिद्धार्थ का पारंपरिक तरीके से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया.

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