बेतला.
पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के बीच से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन को डायवर्ट करने की दिशा में काम शुरू हो सके इसके लिए अभी भी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को केंद्रीय रेलवे बोर्ड और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश का इंतजार है. पिछले छह वर्ष से रेलवे थर्ड लाइन का निर्माण कार्य छिपादोहर से हेहेगड़ा तक (करीब 11 किलोमीटर) रुका हुआ है. वहीं सोननगर से पतरातू तक थर्ड लाइन का काम चल रहा है. वहीं छिपादोहर से हेहेगड़ा तक रेलवे लाइन बिछाने को लेकर पीटीआर प्रबंधन ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया था. इसके लिए पीटीआर ने वैकल्पिक मार्ग से रेलवे ट्रैक के निर्माण का सुझाव दिया गया था. मामला स्टेट वर्ल्ड लाइफ तक पहुंचा जहां से अनुमति नहीं मिलने के बाद यह मुद्दा वाइल्ड लाइफ बोर्ड ऑफ इंडिया में पहुंचा. वाइल्ड लाइफ बोर्ड द्वारा रेलवे ट्रैक को डायवर्ट करने की मंजूरी दी गयी है. इसके बाद वन विभाग और रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे का काम शुरू किया गया है. रेलवे ओपन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को भेजा जाना है. इसके बाद आदेश मिलेगा और काम शुरू हो सकेगा. पिछले दिनों रेलवे के जीएम के साथ पीटीआर के पदाधिकारियों की संयुक्त टीम ने प्रस्तावित नये रेल मार्ग का अवलोकन किया था. जो केड़ से होकर है हेहेगड़ा तक जायेगी. केड़ के ग्रामीणों की मांग पर केड़ में रेलवे स्टेशन देने की बात भी रेलवे द्वारा कही गयी है. मुगलसराय रेलखंड के सोननगर से पतरातू तक थर्ड लाइन परियोजना का काम पीटीआर के छिपादोहर और हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन के बीच पिछले छह साल से रुका हुआ है. इस परियोजना को सोननगर से पतरातू तक पांच सेक्शन के अंतर्गत काम कराया जाना है, जिसमें छिपादोहर से कुमंडीह (24 किलोमीटर) एक ऐसा सेक्शन है, जो पलामू टाइगर रिजर्व की कोर एरिया में है. कोर एरिया में होने के कारण वन विभाग द्वारा झारखंड के एकमात्र टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए स्वीकृति नहीं देकर वैकल्पिक रूट में थर्ड लाइन निर्माण के लिए इस परियोजना के लिए रेलवे को प्रस्ताव भेजा गया था. छिपादोहर से हेहेगड़ा तक छोड़ कर तकरीबन सभी जगह काम चल रहा है.क्यों बनायी जा रही है थर्ड लाइन
इस रूट से मालगाड़ी के आवागमन को बढ़ाने के लिए और राजस्व की वृद्धि करने के लिए थर्ड रेलवे लाइन का निर्माण कराया जा रहा है. रेलखंड से कोयला के रैक बढ़ाने के लिए अतिरिक्त रेलखंड का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद रेल मंत्रालय के द्वारा इसे पारित कर दिया गया है. रेल विकास निगम लिमिटेड के द्वारा टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद काम शुरू कराया गया है. 1924 में इस रेलखंड पर सिंगल लाइन के लिए रेलवे ट्रैक बिछाया गया था. इसके बाद 1976 में डबल लाइन किया गया. पीटीआर से रेलवे का परिचालन होने से बड़ी संख्या में वन्यजीवों की क्षति हुई है. हाथी समेत कई जंगली जानवर मारे गये हैं.क्या कहते हैं डिप्टी डायरेक्टर
पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने कहा कि रेलवे के डाइवर्ट होने वाले रूट से संबंधित सभी आवश्यक रिपोर्ट तैयार कर लिया गया है. प्रस्तावित रिपोर्ट को आरवीएनएल के द्वारा मंत्रालय भेजा जाना है. इसके तुरंत बाद काम शुरू कर दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है