इन दिनों लातेहार एवं आसपास के क्षेत्र में भीषण गरमी के कारण लोगों का हाल बुरा हो गया है. सूरज आग उगल रहा है और धरती तप गयी है. अप्रैल में ही शहर का तापमान तकरीबन 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. इस गरमी में लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया है. शहरी ही नहीं वरन ग्रामीण क्षेत्रों का जल स्तर काफी नीचे चला गया है.
लातेहार : इन दिनों शहर में पेयजल के लिए मारामारी हो रही है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा सुबह शाम पेयजल आपूर्ति की जाती है. लेकिन कुछ एक रिहायशी इलाकों को छोड़ कर शेष इलाकों में सप्लाई नल में पानी नहीं आता है. यही कारण है कि जब कभी भी इन मुहल्लों में पेयजल आपूर्ति की जाती है नलों में लाइन लग जाती है. कई बार तो पानी भरने को लेकर नोकझोंक भी हो जाती है. कई होटलों एवं आवासीय परिसरों में पांच से 10 रुपये प्रति भार पानी खरीद कर काम चलाना पड़ रहा है.
अभी से जवाब देने लगे हैं चापानल
प्रचंड गरमी के कारण जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. तकरीबन सभी चापानलों में कई बार हैंडल करने के बाद पानी निकल रहा है. वह भी एक-आधा बाल्टी पानी देने के बाद जवाब दे रहा है. कुंओं का जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. शहर के लाइफ लाइन माने जाने वाली औरंगा नदी भी सूखने की कगार पर है.
मवेशियों के समक्ष विकट स्थिति
इस गरमी में इंसान तो किसी प्रकार अपना काम चला ले रहा है, लेकिन बेजुबान मवेशियों के सामने विकट परिस्थित हो गयी है. शहर के तकरीबन सभी जलाशय सूख चुके हैं. यही कारण है मवेशी भटक कर चापाकलों के पास आ रहे हैं. लेकिन वहां भी पानी नहीं मिलता है. कभी-कभार कोई इंसान चापाकल चला कर बेजुबान मवेशियों की प्यास बुझाने का प्रयास अवश्य करता है.
शीतल पेय की मांग बढ़ी
इस गरमी में नीबू और सत्तू के अलावा कोल्ड ड्रिंक्स की मांग बढ़ गयी है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों में नीबू बेचने वालों की दुकान सज गयी है. इसी प्रकार कोल्ड ड्रिंक्स बेचने वालों के यहां भी ग्राहकों की खासी भीड़ भाड़ है.