11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दुष्कर्म मामले में बयान कलमबद्ध

लातेहार : बहुचर्चित महिला पुलिस कांस्टेबल के साथ हुए दुष्कर्म के अनुसंधानकर्ता तत्कालीन थाना प्रभारी लातेहार के विरेंद्र कुमार राम ने अपनी गवाही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार वैश्य की अदालत में दर्ज कराया. सत्रवाद संख्या 84/14 में लोक अभियोजक सुदर्शन मांझी ने करीब तीन घंटे तक उनका बयान कलमबद्ध कराया. इसके बाद […]

लातेहार : बहुचर्चित महिला पुलिस कांस्टेबल के साथ हुए दुष्कर्म के अनुसंधानकर्ता तत्कालीन थाना प्रभारी लातेहार के विरेंद्र कुमार राम ने अपनी गवाही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार वैश्य की अदालत में दर्ज कराया. सत्रवाद संख्या 84/14 में लोक अभियोजक सुदर्शन मांझी ने करीब तीन घंटे तक उनका बयान कलमबद्ध कराया. इसके बाद दस्तावेज को अदालत के सामने पेश किया. श्री राम ने मामले को सत्य बताते हुए आरोप पत्र समर्पित करने की बात कही.
क्या है मामला : 21 अगस्त 2013 की रात लातेहार थाना में पदस्थापित एक महिला आरक्षी अपने मृत रिश्तेदार के शव को लेकर रिम्स से आ रही थी. इस दाैरान जगलदगा जंगल के पास अपराधियों ने सड़क लूट के दौरान उक्त आरक्षी सहित उसके सभी परिजनों के साथ लूटपाट की थी. आरक्षी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. पुलिस ने उक्त कांड में 24 घंटे के अंदर सभी पांचों आरोपियों को लूट के सामान के साथ गिरफ्तार कर कांड का उदभेदन किया था.
तत्कालीन डीजीपी राजीव कुमार ने घटनास्थल का मुआयना किया था. मामले में अनिल कुमार उरांव, मानिक उरांव, हीरालाल उरांव, अमृत उरांव व मुकेश उरांव 22 अगस्त 2013 से न्यायिक अभिरक्षा में मंडल कारा में बंद है. आरोपियों की पहचान परेड 29 अगस्त 2013 को हुई थी.
इसमें पीड़िता ने पहचान की थी. पुलिस ने आरोपी मानिक उरांव एवं कुपुवा उर्फ अनिल उरांव के खून का नमूना लेकर डीएनए टेस्ट कराया था. आरोपियों में माणिक उरांव इंजीनियरिंग (द्वितीय वर्ष) का छात्र है. वह घटना के दो दिन पूर्व घर आया था. कॉलेज की फीस देने के लिए उसने दोस्तों के साथ मार्ग लूट की घटना को अंजाम दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें