लातेहार. पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा कि राज्य के पारा शिक्षकों की स्थिति काफी दयनीय है. पड़ोस के छत्तीसगढ़ राज्य में पारा शिक्षकों को 18 से 23 हजार रुपये मानदेय मिलता है. जबकि झारखंड में सात से आठ हजार रुपये ही मानदेय मिलता है. महिला पारा शिक्षकों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती है. यदि किसी पारा शिक्षक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलती. पारा शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, लेकिन उसमें भी कई त्रुटियां हैं. पारा शिक्षकों के आरक्षण में गैर पारा शिक्षक की बहाली हो जाती है, लेकिन पारा शिक्षक गैर कोटि की श्रेणी में बहाल नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड में पहली बार स्थायी सरकार बनी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास से सूबे के पारा शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं. वे पारा शिक्षकों की समस्याओं को जरूर समझेंगे. श्री कुमार ने छत्तीसगढ़ की नियमावली का अध्ययन कर झारखंड में उस नियमावली को लागू कर पारा शिक्षकों की मांग पूरा करने की अपील की है.
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पारा शिक्षकों की स्थिति दयनीय : अतुल
लातेहार. पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा कि राज्य के पारा शिक्षकों की स्थिति काफी दयनीय है. पड़ोस के छत्तीसगढ़ राज्य में पारा शिक्षकों को 18 से 23 हजार रुपये मानदेय मिलता है. जबकि झारखंड में सात से आठ हजार रुपये ही मानदेय मिलता है. महिला पारा शिक्षकों को किसी प्रकार की […]
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