चिंता. केटीपीएस को प्रति माह 55 करोड़ का घाटा, बंद हो सकता है प्लांट
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विकास कार्य में बाधक नहीं सहभागी बनें : एमसी मिश्रा
चिंता. केटीपीएस को प्रति माह 55 करोड़ का घाटा, बंद हो सकता है प्लांट जयनगर : विस्थापित ग्रामीण विकास के कामों में बाधक नहीं सहभागी बने. बांझेडीह प्लांट का विकास होगा, तो गांवों का विकास होना तय है. उक्त बातें केटीपीएस के परियोजना प्रमुख सह मुख्य अभियंता डीवीसी एमसी मिश्रा ने प्लांट परिसर स्थित अपने […]
जयनगर : विस्थापित ग्रामीण विकास के कामों में बाधक नहीं सहभागी बने. बांझेडीह प्लांट का विकास होगा, तो गांवों का विकास होना तय है. उक्त बातें केटीपीएस के परियोजना प्रमुख सह मुख्य अभियंता डीवीसी एमसी मिश्रा ने प्लांट परिसर स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही. उन्होंने कहा कि एसपौंड का निर्माण नहीं होने से प्लांट का विकास थम सा गया है. यहां 500-500 की दो यूनिट है. इसमें फिलहाल एक यूनिट बंद है और दूसरी चालू यूनिट से मात्र 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
उन्होंने बताया कि इसके कारण प्रबंधन को प्रति माह लगभग 55 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है और स्थिति यही रही तो प्लांट नहीं चलेगा इसे बंद कर देना होगा. उन्होंने बताया कि डीवीसी द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से निरंतर एसपौंड के निर्माण को लेकर प्रयास किया जा रहा है. करियावां के ग्रामीणों के विरोध के कारण एसपौंड का निर्माण नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने बताया कि करियावां में डीवीसी ने 527 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है. अब डीवीसी ने निर्णय लिया है उक्त भूखंड में से 300 एकड़ के अंदर एसपौंड का निर्माण किया जायेगा. तालाब भी 300 एकड़ के अंदर ही होगा. उन्होंने बताया कि गत दिनों एसपौंड स्थल का निरीक्षण करने गयी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम से ग्रामीणों ने मांग की थी कि गांव से 200 मीटर दूर एसपौंड बनाया जाये. टीम ने जिला प्रशासन को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है उसमें इसका उल्लेख है और टीम ने कहा है कि गांव से यथासंभव दूरी पर एसपौंड बनाया जाये. टीम की रिपोर्ट आने के बाद केटीपीएस ने अपने कोलकाता स्थित मुख्यालय से परामर्श के बाद 300 एकड़ में एसपौंड बनाने का निर्णय लिया है. इससे करियावां से एसपौंड की दूरी 200 मीटर से भी अधिक हो जायेगी. श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदूषण बोर्ड द्वारा जिला प्रशासन को समर्पित प्रतिवेदन में अंकित सभी बिंदुओं को स्वीकार करते हुए डीवीसी ने संशोधित नक्शा के अनुसार 300 एकड़ में एसपौंड का निर्माण शुरू करेगी.
उन्होंने बताया कि शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा. श्री मिश्रा ने करियावां के ग्रामीणों से अपील की कि अब उनकी मांग के अनुसार एसपौंड का निर्माण होगा. ग्रामीण हमें सहयोग करें. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए पौधरोपण सहित सभी मानकों का पूरा ध्यान रखा जायेगा. मगर इसमें ग्रामीणों का सहयोग जरूरी है. हम ग्रामीणों से सहयोग की अपील करते हैं.
एसपौंड निर्माण में आयी बाधा दूर होने की संभावना
दूसरी चालू यूनिट से मात्र 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है
क्या है मामला
बांझेडीह पावर प्लांट के एसपौंड का करियावां गांव के पास निर्माण होना है, मगर जब भी निर्माण कार्य शुरू हुआ ग्रामीणों ने काम बंद करा दिया. एसपौंड निर्माण नहीं होने के कारण डीवीसी अपनी क्षमता के अनुसार बिजली उत्पादन नहीं कर पा रही है. गत माह प्रबंधन ने प्रशासन के सहयोग से एसपौंड निर्माण कार्य शुरू किया था पर ग्रामीणों ने विरोध कर काम बंद करा दिया और जिला समाहरणालय में भूख हड़ताल पर बैठ गये. बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप, विधायक प्रो जानकी यादव व पूर्व विधायक अमित कुमार यादव के प्रयास से भूख हड़ताल समाप्त हुआ. वार्ता में तय शर्तो के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थल निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी. प्रतिवेदन की प्रतिलिपि केटीपीएस को भी सौंपी. केटीपीएस ईकाई ने कोलकाता मुख्यालय से विचार-विमर्श कर 527 एकड़ में से 300 एकड़ में एसपौंड बनाने का निर्णय लिया है. करियावां के ग्रामीणों की मांगों के मुताबिक अब एसपौंड का निर्माण करियावां से 200 मीटर दूर होगा, वह भी प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के साथ होगा.
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