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शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच होगी : डीसी
जिले के 20 आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे मॉडल, कुपोषण उपचार केंद्र की लौट रही है रौनक कोडरमा : उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने आश्वस्त किया है शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी मामले की निष्पक्षता से जांच होगी व डीडीसी की अध्यक्षता वाली समिति पूरी पारदर्शिता से एक-एक बिंदुओं पर जांच करेगी. उपायुक्त सोमवार को समाहरणालय […]
जिले के 20 आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे मॉडल, कुपोषण उपचार केंद्र की लौट रही है रौनक
कोडरमा : उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने आश्वस्त किया है शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी मामले की निष्पक्षता से जांच होगी व डीडीसी की अध्यक्षता वाली समिति पूरी पारदर्शिता से एक-एक बिंदुओं पर जांच करेगी. उपायुक्त सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि जांच समिति में एक ऐसे पदाधिकारी का शामिल है, जो नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल थे. इससे जांच प्रभावित नहीं होगी.
चूंकि मैं नया था मुझे इसकी जानकारी नहीं थी फिर मैं आश्वस्त करता हूं कि मामले की जांच निष्पक्ष होगी. उपायुक्त ने जिले में चल रही योजनाओं की स्थिति व भावी बड़ी योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं को गति देने के लिए सभी प्रयास हो रहे हैं और इसका असर आनेवाले दिनों में दिखेगा. उन्होंने बताया कि जिले में पूर्व के वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत काम करनेवाले मजदूरों की संख्या 3000 के आसपास थी. इस वर्ष इसमें काफी प्रगति हुई है. और यह संख्या बढ़ कर छह हजार पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि कल्याण विभाग की योजनाओं की भी प्रगति हो रही है. इस विभाग की योजनाओं पर और ध्यान दिया जायेगा. उपायुक्त ने बताया कि जिले के 20 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाने की तैयारी है.
इन आंगनबाड़ी केंद्रों में साफ-सफाई के साथ ही बच्चों के बैठने के लिए विशेष व्यवस्था, खेलने की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के 10 अप्रैल तक शुरू होने की उम्मीद हैं. इसके अलावा अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर काम होगा. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में बच्चों के ठहराव को रखने के लिए विशेष व्यवस्था शुरू की गयी है. प्रदान संस्था की ओर से यहां बच्चों को लेकर रहनेवाली महिलाओं के लिए पापड़ बनाने, सिलाई कढाई, खेतीबारी व अन्य प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं.
इससे बच्चों का ठहराव बढ़ा है. इस योजना को डोमचांच व अन्य जगहों पर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में भी लागू किया जायेगा. मौके पर यह बात भी सामने आयी कि जिले में कुछ वर्षों के दौरान 800 एड्स पीड़ितों की पहचान हुई है. इस पर उपायुक्त ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए इस दिशा में काम करने की बात कही. प्रेस वार्ता में डीडीसी सूर्य प्रकाश, एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार, एसी प्रवीण कुमार गागराई, सिविल सर्जन डाॅ मधुबाला राणा, डीपीआरओ राहुल भारती भी मौजूद थे.
उपलब्ध दवाओं की सूची लगायें, डाॅक्टरों की लिस्ट तैयार करें
डीसी ने बताया कि जिले के सरकारी अस्पतालों से हमेशा शिकायत मिलती है कि जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं है. इसको ध्यान में रखते हुए सभी पीएचसी, सीएचसी प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि अस्पताल के स्टॉक में उपलब्ध दवाओं की सूची केंद्र के बाहर लगायें.
इसके अलावा जिले में आये दिन हो रहे हादसों व तत्काल घायलों के इलाज के लिए प्रयास किया गया है. जिले के दुर्घटना जोन को चिह्नित कर सरकारी डाॅक्टरों के अलावा निजी डाॅक्टरों की सूची बनायी गयी है, जो घटना के बाद घायल के इलाज के लिए शीघ्र सेवा देंगे.
इस पर भी काम शुरू हो रहा है. उपायुक्त ने एसडीओ को डोमचांच से कोडरमा तक नो इंट्री का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने कहा कि स्टोन चिप्स लदे वाहन किसी भी हाल में रात आठ बजे से पहले कोडरमा की ओर न आ सकें. इसके अलावा सीएच स्कूल रोड में रेलवे रैक प्वाइंट पर आनेवाले ट्रकों से हो रही परेशानी को लेकर भी उन्होंने जांच का निर्देश दिया.
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