जिला जज प्रथम की अदालत ने सुनायी सजा
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हत्या के मामले में तीन को आजीवन कारावास
जिला जज प्रथम की अदालत ने सुनायी सजा व्यावसायिक दुश्मनी में मुकेश कुमार दास की हुई थी हत्या कोडरमा बाजार : प्रथम जिला जज रामाशंकर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को हत्या के एक मामले में दोषी तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. ग्राम बहेरी हजारीबाग निवासी 35 वर्षीय मुकेश कुमार दास की […]
व्यावसायिक दुश्मनी में मुकेश कुमार दास की हुई थी हत्या
कोडरमा बाजार : प्रथम जिला जज रामाशंकर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को हत्या के एक मामले में दोषी तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. ग्राम बहेरी हजारीबाग निवासी 35 वर्षीय मुकेश कुमार दास की हत्या के मामले में अभियोजन की ओर से 19 गवाहों का परीक्षण न्यायालय में हुआ था. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जानकारी के अनुसार सात मार्च 2017 को मुकेश कुमार दास अपने घर से तगादा करने के लिये निकला था. अगले दिन आठ मार्च को जयनगर थाना अंतर्गत बराकर नदी के हरेलाकुदर में उसका शव बरामद किया गया था. शव की पहचान नहीं होने पर चौकीदार के बयान पर जयनगर/तिलैया डैम ओपी में युडी केस दर्ज किया गया था.
पुलिस के प्रयास से तीन दिनों के बाद मृतक की पत्नी सरीता देवी ने अपने पति की तस्वीर देख कर पहचान की थी. बाद में दंडाधिकारी की उपस्थिति में दफनाये गये मृतक के शव को निकाला गया और शव को परिजनों को सौंप दिया गया था. मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ जयनगर थाना कांड संख्या 45/17 दर्ज किया गया था. बाद में पुलिस के अनुसंधान के क्रम में जयप्रकाश (निवासी ग्राम सरौनी थाना मुफ्फसिल जिला हजारीबाग) के घर से मृतक का मोबाइल बरामद किया गया. पुलिस को दिये गये बयान में जयप्रकाश ने स्वीकार किया था कि उसने पिंटू कुमार उर्फ शंकर प्रसाद (ग्राम चान्हो, जिला हजारीबाग) और डेगलाल महतो (ग्राम कांटी जयनगर) के साथ मिलकर व्यावसायिक दुश्मनी को लेकर मुकेश कुमार दास की हत्या गला रेत कर दिया था. शव को छुपाने के उद्देश्य से बराकर नदी में फेंक दिया. मामले में न्यायाधीश ने 16 मई 2018 को उपरोक्त तीनों लोगों को हत्या का दोषी पाया और 25 मई को इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी. बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तारकेश्वर प्रसाद व अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बिनोद प्रसाद ने न्यायालय में दलीलें रखीं. न्यायाधीश ने अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों और मामले की गंभीरता को लेकर भादवि की धारा 302, 201, 120 बी/34 के तहत तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
व्हाट्सएप के जरिये हुई थी मृतक की पहचान : मृतक मुकेश कुमार दास का शव बरामद होने और शुरुआत में उसकी पहचान नहीं होने पर पुलिस ने यूडी केस दर्ज करते हुए शव को दफनाते हुए मृतक की तस्वीर को सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया था. बाद में व्हाट्सएप के जरिये उक्त तस्वीर मृतक की पत्नी तक पहुंची थी. मृतक की पत्नी ने शव को अपने पति मुकेश कुमार दास के रूप में पहचान की. शव की पहचान होने के बाद दंडाधिकारी की मौजूदगी में शव को कब्र से निकाल कर उसे परिजनों को सौंप दिया गया था. यदि सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल नहीं होती, तो शायद शव की पहचान नहीं हो पाती.
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