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सुहागिनों ने भगवान से अखंड सुहाग का मांगा आशीर्वाद
खलारी : खलारी में सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य और परिवार की समृद्धि के लिए वट सावित्री पूजा की. सुहागिनें सुबह से उपवास रख कर शृंगार कर नजदीक के वट वृक्ष की पूजा की. मान्यता है कि वट देव वृक्ष हैं और इस पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों रहते हैं. धर्म के पौराणिक कथाओं में […]
खलारी : खलारी में सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य और परिवार की समृद्धि के लिए वट सावित्री पूजा की. सुहागिनें सुबह से उपवास रख कर शृंगार कर नजदीक के वट वृक्ष की पूजा की. मान्यता है कि वट देव वृक्ष हैं और इस पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों रहते हैं. धर्म के पौराणिक कथाओं में भी वट वृक्ष की चर्चा है.
वट वृक्ष दीर्घकाल तक अक्षय रहता है. वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस कराये थे, तब से यह पर्व वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाता है. सुहागिन महिलाओं ने यथासंभव वट वृक्ष की परिक्रमा कर सूत लपेटा. पुजारियों ने सावित्री-सत्यवान की कथा सुनायी. पूजन के उपरांत सुहागिनें घर आकर अपने पति को भी पंखा झली और प्रसाद खिलाया. त्योहार को लेकर घरों में विशेष पकवान बनाये गये.
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