सिल्ली : सरकारी की लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य बेहतर नहीं हो पा रहा है. कहीं छात्र कम हैं, तो कहीं शिक्षक. कहीं शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते. शिक्षा के स्तर को लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं. अपने बच्चों के भविष्य की चिंता उन्हें खाये जा रही है. बुधवार को दिन के करीब 10 बजे तक राजकीय उत्क्रमित विद्यालय महुआ टुंगरी सिल्ली में न तो हेडमास्टर साहब थे और न ही कोई पारा टीचर.
एक लड़का (स्कूल का छात्र नहीं) वहां मौजूद बच्चों की देखभाल कर रहा था. पूछने पर बताया कि मैं इस स्कूल के पारा शिक्षक का भतीजा हूं. चाचा किसी काम से हलमाद गये हैं. उसने बताया कि हेडमास्टर पूरन राम मुंडा भी स्कूल नहीं आये हैं़ जब तक कोई नहीं आ जाता, मैं ही बच्चों की देखभाल कर रहा हूं.