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बीआरपी व सीआरपी की सेवा को स्थायी करे राज्य सरकार

खूंटी : बीआरपी/सीआरपी महासंघ जिला कमेटी ने रविवार को अपनी मांगों को लेकर यहां एक प्रेस कांफ्रेंस किया. महासंघ के जिलाध्यक्ष विनय कुमार हाल्दार ने कहा कि बीआरपी/सीआरपी गत 13 वर्षों से विभाग को बेहतर सेवा देते आ रहे हैं. इसके बावजूद सरकार के द्वारा किसी प्रकार की नियमावली नहीं बनायी गयी है. विभाग को […]

खूंटी : बीआरपी/सीआरपी महासंघ जिला कमेटी ने रविवार को अपनी मांगों को लेकर यहां एक प्रेस कांफ्रेंस किया. महासंघ के जिलाध्यक्ष विनय कुमार हाल्दार ने कहा कि बीआरपी/सीआरपी गत 13 वर्षों से विभाग को बेहतर सेवा देते आ रहे हैं. इसके बावजूद सरकार के द्वारा किसी प्रकार की नियमावली नहीं बनायी गयी है.
विभाग को बेहतर सेवा(स्कूलों के संचालन) देने के बावजूद बीआरपी, सीआरपी महज 11 हजार के मासिक मानदेय पर कार्य कर रहे हैं. सचिव पारस महतो, राजीव रंजन ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर झारखंड सरकार भी एक ठोस नियमावली का निर्माण कर इन पदों को स्वीकृत कर स्थायीकरण का रास्ता साफ करे. कृष्णमोहन कुमार, मनोरंजन शर्मा, अजीत मिश्र, परवेज खां ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य में कार्यरत बीआरपी व सीआरपी को समान कार्य के लिए समान वेतन का लाभ सरकार दे.
अरविंद, बिनोद, नारायण, सुकेश, स्वदेश आदि ने कहा कि शिक्षा नियुक्ति प्रक्रिया व शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर बीआरपी व सीआरपी को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. झारखंड सरकार ने कैबिनेट से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 71 करोड़ का बजट पास किया है. चूंकि बीआरपी व सीआरपी का प्रमुख कार्य शिक्षा की गुणवत्ता को देखना है. इस के लिए अनुश्रवण भत्ता मिलना चाहिए. इसके अलावा एनआइओएस से डीइआइइडी प्रशिक्षण के लिए नामांकन सुनिश्चित करने, इपीएफ कटौती, ग्रुप बीमा व अर्जित अवकाश देने आदि की मांग रखी गयी.

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