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खूंटी पत्थलगड़ी विवाद : बिरसा मुंडा बेंगलुरु में चलाते थे गाड़ी घर आये थे खेती कराने, हो गयी मौत

खूंटी चामडीह का रहनेवाला था मारा गया ग्रामीण बिरसा, परिजनों ने कहा खूंटी : खूंटी के घाघरा गांव में 27 जून को लाठीचार्ज व फायरिंग के दौरान हुए भगदड़ में मारे गये बिरसा मुंडा का गांव चामडीह (खूंटी) अब भी गम में डूबा है. परिजनों एवं ग्रामीणों ने कहा कि हमलोगों ने सोचा भी नहीं […]

खूंटी चामडीह का रहनेवाला था मारा गया ग्रामीण बिरसा, परिजनों ने कहा
खूंटी : खूंटी के घाघरा गांव में 27 जून को लाठीचार्ज व फायरिंग के दौरान हुए भगदड़ में मारे गये बिरसा मुंडा का गांव चामडीह (खूंटी) अब भी गम में डूबा है.
परिजनों एवं ग्रामीणों ने कहा कि हमलोगों ने सोचा भी नहीं था कि पत्थलगड़ी में विवाद इतना बढ़ेगा और बिरसा की जान चली जायेगी.
परिजनों ने बताया कि 26 जून को दूसरे गांव के लोग पत्थलगड़ी समारोह में घाघरा जा रहे थे. एक परिचित के कहने पर वे भी उन सबों के साथ घाघरा गांव चले गये. 27 जून को लाठीचार्ज के दौरान वे मारे गये. घटना के बाद उन्हें मालूम ही नहीं चला था कि बिरसा मुंडा की मौत हो गयी है. पिछले बुधवार को अखबार एवं व्हाट्सएप पर गांव के साक्षर ग्रामीणों ने बिरसा मुंडा के शव को दिखाया. तब मालूम चला कि वे मारे जा चुके हैं.
बेंगलुरु में चालक का काम करता था बिरसा : बिरसा मुंडा बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में चालक के पद पर कार्यरत थे. वह दो माह पूर्व धान की खेती में परिवार की मदद करने छुट्टी लेकर गांव लौटे थे. बिरसा मुंडा अपने बड़े भाई सनिका मुंडा के साथ घर में रहते थे. उनका अपना कोई परिवार नहीं था. पहली शादी की, तो पत्नी भाग गयी.
दूसरी शादी की, तो उस पत्नी की भी बीमारी से मृत्यु हो गयी. ऐसे में अकेला बिरसा मुंडा अपने भाई सनिका मुंडा के घर में साथ रहता था. सनिका मुंडा की पत्नी सुकरू टूटी ने बताया कि वे लोग काफी गरीब हैं. रहने को एकमात्र मिट्टी का घर व गांव में कुछ जमीन है. धान की खेती से छह माह का राशन का जुगाड़ हो जाता है. बाकी बिरसा मुंडा हर माह बेंगलुरु से राशि भेजता था. उससे परिवार का राशन पानी एवं तीन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का जुगाड़ होता था. बिरसा मुंडा के निधन के बाद परिवार आर्थिक समस्या से जूझने को मजबूर हो गया है.
गैंगरेप व बिरसा की मौत की सीबीआइ जांच की मांग
खूंटी : राष्ट़ीय सेंगेल पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष मार्शल बारला ने कोचांग में हुई गैंगरेप की घटना में शामिल आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, घाघरा गांव में मारे गये बिरसा मुंडा की मौत का एसआइटी या सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. श्री बारला ने केंद्रीय गृह मंत्री के बयान कि पत्थलगड़ी क्षेत्र में सरकार द्वारा सीधे ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने पांच जुलाई को झारखंड बंद का समर्थन भी किया है. खूंटी के व्यवसायियों से दुकानें बंद रखने की अपील की है.
मुआवजा की आस : सुकरू टूटी घर में अकेले थी. उसने बताया कि पुलिस वालों ने गत 29 जून की देर रात बिरसा मुंडा के शव को गांव पहुंचाकर पल्ला झाड़ लिया. सुकरू टूटी कहती हैं कि प्रशासन अगर संवेदनशील है, तो मुआवजा दे.
चामडीह में भी पत्थलगड़ी : चामडीह गांव में भी पत्थलगड़ी हो चुकी है. गांव के मंगल कुम्हार से पूछने पर कि आखिर पत्थलगड़ी क्या होता है. उसने कहा कि पत्थल गाड़ना था, गाड़ दिया. इसके बाद वह आगे कुछ नहीं जानता.

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