Advertisement
कथा सुनने से होगा कष्ट का निवारण
खूंटी : श्रीमदभागवत यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि जैसी मती, वैसी गति. मनुष्य की जैसी मती होती है, मृत्यु के बाद भी वो वैसी ही यात्रा करता है. अंतिम क्षण में जैसा विचार होता है, वैसा ही दूसरा जन्म होता है. श्रीमदभागवत महापुराण में कहा […]
खूंटी : श्रीमदभागवत यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि जैसी मती, वैसी गति. मनुष्य की जैसी मती होती है, मृत्यु के बाद भी वो वैसी ही यात्रा करता है.
अंतिम क्षण में जैसा विचार होता है, वैसा ही दूसरा जन्म होता है. श्रीमदभागवत महापुराण में कहा गया है कि हर क्षण में व्यक्ति को अपने अंदर ईश्वर की भक्ति जगाये रखना चाहिए. अंतिम क्षण तक ईश्वर का स्मरण करें, तो उनमें एक हो सकते हैं. आगे उन्होंने कहा कि अच्छे कर्म से कदापि विमुख नहीं होना चाहिए.
व्यक्ति का कर्म ही उसका सच्चा मापदंड साबित होगा. कर्म अच्छा है तो परिवार मेें खुशियां आने से कोई नहीं रोक सकता. कहा कि संसार माया का सागर है. इसमें हर कोई डूब रहा है.
इससे बचने का एकमात्र उपाय है कि हम भगवान की शरण में जायें. इसके लिए श्रीमदभागवत कथा का श्रवण करना होगा. हम जैसा चाहते हैं वैसा नहीं होता है. इसके पीछे कारण यही है कि हम केवल चाहते ही रहते हैं, उसे पाने के लिए जो कर्म हमें करना चाहिए वह नहीं करते. इसलिए अगर हम किसी चीज को पाने की कामना करते है तो उसके लिए हम उस तरह का काम भी करना होगा. मौके पर भजन की प्रस्तुति गोविंद मेरो है,
गोपाल मेरो है, श्री बांके बिहारी नंदलाल मेरो है से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. श्रोता घंटों श्री कृष्ण की अाराधना में गोते लगाते रहे. कार्यक्रम के मौके पर उपप्रमुख जितेंद्र कश्यप, बिनोद नाग, काशीनाथ महतो, मदन मोहन गुप्ता, आशुतोष भगत, कल्याणी शाहदेव, आशु शाहदेव, मोनिका धान, सुबोध धान, सुजीत दास, ज्योति राय, प्रमिला जायसवाल, शकुंतला देवी, महेंद्र भगत, रमेश मांझी, अनूप साहू, रणेंद्र शाहदेव, वरुणेंद्र नाथ शाहदेव, सत्येंद्र कंसारी, बालगोविंद सिंह, महेंद्र भगत, सीमा सिंह, आंचल मिश्र, वीणा रानी आदि मौजूद थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement