नारायणपुर : सरकारी प्रयास के बाद भी बच्चे यदि शिक्षा से वंचित रह जायें इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है. बच्चे विद्यालय तो आते हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ने के बदले खेल कर समय व्यतीत करते हैं. यह हाल है प्रखंड के अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय का.
विद्यालय में 536 बच्चे नामांकित हैं, जिसे पढ़ाने के लिए पांच सरकारी व छह पारा शिक्षक नियुक्त हैं. ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1908 में नींव रखा गया यह विद्यालय पहले मध्य विद्यालय था. वर्ष 2007 में उत्क्रमित कर इसे उच्च विद्यालय बनाया गया. इसके बाद से विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है.