पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत इन केंद्रों की रुटीन जांच की जा रही है. जांच के क्रम में सेंटर में कार्यरत्त डॉक्टरों का प्रमाणपत्र भी नहीं प्रस्तुत किया गया. टीम ने सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों को मरीजों से संबंधित दो साल का रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया है.
लाइफलाइन हॉस्पिटल व आइडियल इमेजिंग में जांच के दौरान कागजात अप-टू-डेट मिले. डिस्कवरी डायग्नोस्टिक सेंटर में मरीजों का दो साल का रिकॉर्ड अपडेट नहीं था. टीम के सदस्यों ने बताया कि पीसीपीएनडीटी नियमावली के अनुसार कानूनी बिंदुओं को ध्यान में रखकर अल्ट्रासाउंड सेंटर को न्यूनतम दो साल तक की अवधि में किये गये अल्ट्रासाउंड की इमेज व मरीज की पहचान का रिकार्ड रखना जरूरी है. जांच टीम में जिला स्वास्थ्य विभाग के दो पदाधिकारी डॉ एके लाल व डॉ साहिर पाल भी शामिल थे.