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सीएम आवास का घेराव, घंटे भर हंंगामा

जमशेदपुर : पुलिस लाइन में चल रही होमगार्ड की बहाली में ऑनलाइन सर्टिफिकेट मांगे जाने से नाराज आवेदकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के एग्रिको स्थित आवास का घेराव किया. आवेदक आवास के गेट व मेन रोड को जाम कर एक घंटे तक हंगामा करते रहे. पुलिस अधिकारियों के कहने पर आवेदकों ने डीसी कार्यालय जाकर […]

जमशेदपुर : पुलिस लाइन में चल रही होमगार्ड की बहाली में ऑनलाइन सर्टिफिकेट मांगे जाने से नाराज आवेदकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के एग्रिको स्थित आवास का घेराव किया. आवेदक आवास के गेट व मेन रोड को जाम कर एक घंटे तक हंगामा करते रहे. पुलिस अधिकारियों के कहने पर आवेदकों ने डीसी कार्यालय जाकर अपनी मांगें लिखित रूप में सौंपी.

याद रहे कि पुलिस लाइन से 22 मार्च 2016 को होमगार्ड के कुल 896 पदों के लिए बहाली निकाली गयी थी. उसमें आवेदकों को अधिवास प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था. अभ्यर्थियों ने इसी के अनुरूप अपने आवेदन जमा कराये थे, लेकिन बहाली के समय अचानक उन्हें ऑनलाइन स्थानीयता प्रमाणपत्र जमा कराने का निर्देश दिया गया. ऐसा नहीं कर पानेवाले सैकड़ों उम्मीदवारों को बहाली की प्रक्रिया में शामिल होने से रोक दिया गया. बहाली सं वंचित अभ्यर्थियों ने उपस्थित अफसरों से नियम में अचानक बदलाव होने के कारण ऐसा कर पाने में असमर्थता जतायी. फिरभी बहाली में भाग नहीं लेने देने से नाराज भारी
संख्या में अभ्यर्थी पुलिस लाइन से जुलूस की शक्ल में सीधे एग्रिको स्थित सीएम आवास पहुंच गये तथा बहाली में शामिल होने की इजाजत दिये जाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा व रोड जाम की सूचना मिलने पर सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी मौके पर पहुंचे तथा उन्हें समझाया कि सरकार के आदेश से ही ऐसा हो रहा है, वे लिखित आवेदन दें. इसके बाद लगभग दो सौ अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सीएम के आवासीय कार्यालय में सौंपा गया.
वही आवेदन आवेदकों ने डीसी ऑफिस पहुंच कर वहां भी जमा कराया. हाईकोर्ट जाने की दी नसीहत आवेदकों से बातचीत करने आये पुलिस अधिकारियों ने उनसे सीएम आवास से हट जाने का अनुरोध किया. पुलिस अधिकारी अभ्यर्थियों को यह नसीहत देते नजर आये कि इस मामले में सरकार के स्तर से कुछ नहीं होगा, वे हाईकोर्ट चले जायें, क्योंकि हाईकोर्ट के के हस्तक्षेप से ही उन्हें राहत मिल सकती है.
डीसी कार्यालय पर भी किया प्रदर्शन:इसके बाद अभ्यर्थियों ने उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर वहां भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. उपायुक्त अमित कुमार के हस्तक्षेप के बाद आवेदकों को दौड़ में शामिल होने की अनुमति प्रदान की गयी, हालांकि ऑनलाइन स्थानीयता प्रमाण पत्र जमा करने के लिए उन्हें दस दिनों का समय दिया गया. प्रशासन के स्तर पर उन्हें दस दिन के अंदर ऑनलाइन स्थानीयता प्रमाण पत्र निर्गत कराने की व्यवस्था करने का आश्वासन भी दिया गया. इस संबंध में एसडीओ मनोज कुमार रंजन ने प्रदर्शनकारियों से बात की, जिसके बाद अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के समक्ष अपनी बात रखी.
एडीसी सुनील कुमार एवं एसडीओ श्री रंजन ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे पुलिसलाइन जाकर बहाली ले रहे पदाधिकारियों को सभी वंचित अभ्यर्थियों को दौड़ में सामिल करने के लिए निर्देशित करेंगे. लेकिन सभी से दस दिन के अंदर ऑनलाइन स्थानीयता प्रमाण पत्र समर्पित करने के लिए लिखित अंडरटेकिंग ली जायेगी. बाद में इसी शर्त पर उन्हें बहाली के लिए दौड़ में शामिल होने का निर्देश दिया गया.
उधर पदाधिकारियों का कहना है कि बहाली से संबद्ध विभाग द्वारा बाद में स्थानीयता प्रमाणपत्र की अनिवार्यता से संबंधित विज्ञापन भी निकाला गया था, जिसे कई आवेदन नहीं देख सके. जिन लोगों ने देखा, उन्होंने अॉनलाइन प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है, हालांकि उनका भी प्रमाणपत्र अब तक निर्गत नहीं हुआ है, जिसके कारण ही यह समस्या उत्पन्न हुई है.
होमगार्ड बहाली : बहाली में ऑनलाइन सर्टिफिकेट मांगने का विरोध, काफी मान-मनौवल पर माने अभ्यर्थी
फॉर्म में शर्त नहीं, अब मांग रहे स्थानीयता प्रमाणपत्र
बहाली के लिए आये अभ्यर्थियों ने बताया कि जब बहाली निकली थी उस समय स्थानीयता प्रमाणपत्र की अनिवार्यता नहीं रखी गयी थी. लेकिन सोमवार सुबह जब वे गोलमुरी पुलिस लाइन पहुंचे तो डीएसपी द्वारा उनसे स्थानीयता प्रमाणपत्र की मांग की गयी. हालांकि, उन्होंने बताया, ग्रामीण क्षेत्रों के युवकों को सिर्फ आधार कार्ड देख कर दौड़ में शामिल किया गया. शहरी क्षेत्र के डेढ़-दौ सौ युवक-युवतियां अॉनलाइन स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं दिखा पाये, जिसके कारण उन्हें दौड़ में शामिल नहीं होने दिया गया. आवेदकों का तर्क था कि एसडीअो कार्यालय से निर्गत आवासीय प्रमाणपत्र पर वे सेना, सीआरपीएफ, पुलिस बहाली की दौड़ में शामिल होते रहे हैं.

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