जमशेदपुर: टाटा स्टील के कर्मचारियों का वेज रिवीजन एक जनवरी 2012 से लंबित है, लेकिन टाटा वर्कर्स यूनियन के नेता (पक्ष या विपक्ष) राजनीति में व्यस्त हैं.
हालांकि, वेज रिवीजन कराने की जिम्मेवारी सत्ता पक्ष (पीएन सिंह और उनकी टीम) की है, लेकिन उससे पहले संविधान संशोधन और आमसभा की चर्चा से वेज रिवीजन पर ब्रेक लग चुका है. इस पूरे मामले में अध्यक्ष और महामंत्री से लेकर अध्यक्ष के दावेदार व समर्थक कमेटी मेंबर सक्रिय हैं.मजदूरों की चिंता छोड़ सारे लोग संविधान संशोधन कैसे हो, कैसे रोका जाये, एजीएम कैसे कराया और रोका जाये, इसी उधेड़-बुन में लगे हैं.
एक माह से वेज रिवीजन पर मीटिंग नहीं
टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच वेज रिवीजन को लेकर करीब एक माह से कोई मीटिंग तक नहीं हो पायी है. कभी टाटा स्टील के पदाधिकारी आउट ऑफ स्टेशन होते है तो कभी टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष तो कभी टॉप फोर तो कभी अधिकारी टूर पर चले जाते हैं.
एक माह हो गये एनजेसीएस में समझौता हुए
वेज रिवीजन एनजेसीएस में समझौता हुए एक माह हो चुका है. अगले माह 20-21 जनवरी को हुई बैठक के दौरान वेज रिवीजन समझौता एनजेसीएस में हुआ था. पहले तो टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन में यह कहा जाता था कि एनजेसीएस का इंतजार हो रहा है, लेकिन यह इंतजार और लंबा होता चला गया.
पहले वेज रिवीजन होना चाहिए
हम लोग चाहते हैं कि पहले वेज रिवीजन समझौता हो. लेकिन पीएन सिंह चाहते हैं कि पहले अपनी गद्दी सुरक्षित कर लें. हमने उनके गलत कार्यो का विरोध किया है.
रघुनाथ पांडेय, पूर्व अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन
जल्द वार्ता शुरू करेंगे
अभी वेज रिवीजन पर बात नहीं हुई है. इस मसले पर जल्द वार्ता फिर से शुरू करेंगे.
-पीएन सिंह, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन
एक दो दिन की समस्या है
एक दो दिनों की यह समस्या है. इसके बाद वेज रिवीजन पर बातचीत करेंगे. -बीके डिंडा, महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन