जमशेदपुर: उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद अखिलेश सिंह की तलाश में पुलिस शहर के उद्यमी चिंटू भालोटिया, संजय पलसानिया और स्क्रैप व्यवसायी बबलू जायसवाल समेत कई व्यापारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. लोहा व्यवसायी चिंटू भालोटिया को पुलिस साकची थाने में और संजय पलसानिया को पुलिस गोलमुरी थाने में रख कर पूछताछ कर रही है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस पहले चिंटू भालोटिया के भाई को शुक्रवार की रात पकड़ कर थाने लेकर आ गयी थी.
उस वक्त चिंटू अपने बिजनेस पार्टनर के पिता का इलाज कराने के लिए मुंबई में था. पुलिस ने चिंटू भालोटिया के परिवार के लोगों को कहा था कि चिंटू जब थाना में आयेगा, तो उसके भाई को छोड़ दिया जायेगा. भाई के हिरासत में लेने की जानकारी मिलने के बाद चिंटू हवाई जहाज से शनिवार की रात जमशेदपुर आया. जमशेदपुर आने के बाद वह सीधे साकची थाना गया.
जिसके बाद पुलिस ने चिंटू को थाने में रोक कर उसके भाई को छोड़ दिया. दूसरी ओर, बबलू जायसवाल के संबंध में बताया जाता है कि उसने स्क्रैप के धंधे में शामिल व्यवसायियों की बैठक अखिलेश सिंह से करायी थी. साथ ही स्क्रैप के धंधे से जुड़े लोगों का सिंडिकेट तैयार कराया गया था, जिसमें अखिलेश सिंह ने प्रति टन कमीशन तय किया था. हालांकि पुलिस व्यवसायियों को लाने के कारण के संबंध में कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रही है और फिलहाल इसे सामान्य पूछताछ बता रही है.
रडार पर शहर के कई स्क्रैप व्यापारी : सूचना के अनुसार पुलिस कई स्क्रैप व्यापारियों के फोन नंबर इकट्ठा कर जानकारी प्राप्त करने का काम कर रही है. जांच के दौरान स्क्रैप व्यापारियों का संपर्क अखिलेश सिंह से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पाया गया है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो व्यापारियों के कॉल डिटेल से कई चर्चित लोगों के नाम भी पुलिस को हाथ लगे हैं. पुलिस ने सिदगोड़ा, बर्मामाइंस, गोलमुरी और बिरसानगर में स्क्रैप के काम करने वाले व्यापारियों को चिह्नित कर उसकी सूची तैयारी की है. जिनपर जल्द पुलिस कार्रवाई कर सकती है.
ऑडी के फेर में फंसे भालोटिया और पलसािनया!
पुलिस को जानकारी मिली थी कि सर्किट हाउस के एक जमीन के प्लॉट को लेकर विवाद था, जिसमें एजेंट ने बड़ी राशि हड़प ली थी. राशि निकलवाने के लिए उस शख्स को जिसका पैसा फंसा था उसे चिंटू भालोटिया अखिलेश सिंह के पास ले गया था. जिसके बाद अखिलेश सिंह ने पैसा वापस कराया. इसमें लगभग ढाई करोड़ की सौदेबाजी हुई. जिसमें अखिलेश सिंह को अॉडी कार गिफ्ट में देने तथा बाद में अन्य व्यवसायियों को विवाद सुलझाने के लिए अखिलेश के पास ले जाने की सूचना पुलिस को मिली थी. दूसरी अोर, संजय पलसानिया के बारे में जानकारी मिली थी कि उसके द्वारा अखिलेश सिंह की अॉडी कार का मासिक किस्त जमा की जाती है. साथ ही अन्य व्यावसायिक रिश्ते भी हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि तबीयत खराब रहने के कारण संजय से ज्यादा पूछताछ नहीं की गयी अौर उसे फिलहाल छोड़ दिया गया है. इस कार की कीमत करीब 45 लाख रुपये है.अखिलेश इसी कार से कई बार शहर और कोर्ट में पेशी के लिए आ चुका है.