जमशेदपुर:खनन व भूतत्व विभाग ने माइनर मिनरल (लघु खनिज) की नीलामी का पैमाना और फीस तय कर दिया है. इसके तहत जमशेदपुर में भी माइनर मिनरल की नीलामी करने को कहा गया है. नये निर्देश के तहत कहा गया है कि ग्रेनाइट और मार्बल को छोड़कर जितने भी खनन पट्टे हैं, उन्हें उपायुक्त के स्तर पर पांच वर्षों के लिए नीलामी कर उसकी बंदोबस्ती करें.
जिला खनन कार्यालय को यह निर्देश प्राप्त हो चुका है. ग्रेनाइट और मार्बल खनिज के पट्टे को राज्य सरकार द्वारा अधिसूिचत करने के बाद तैयार ब्लॉक पर खनन पट्टा (एमएल) या खनन पट्टा सह पूर्वेक्षण (पीएल) 30 साल के लिए लोक नीलामी के तहत दी जायेगी. ग्रेनाइट कंजरवेशन डेवलपमेंट रुल्स 1990 के तहत ग्रेनाइट जबकि मार्बल डेवलपमेंट व कंजरवेशन रुल्स के तहत 2002 के प्रावधान को लागू किया गया है.
अब चूंकि नयी अधिसूचना जारी कर दी गयी है, इस कारण इन सारे माइंस के लिए दिये गये सारे आवेदन को स्वत: खारिज कर दिये गये हैं. नये नियम के तहत आवंटन के 90 दिनों के भीतर आवंटित व्यक्ति या कारोबारी को पर्यावरणीय स्वीकृति और खनन योजना अनिवार्य रूप से जमा करने की हिदायत दी गयी है नहीं तो उसके नीलामी को अनिवार्य कर दिया जायेगा. अगर किसी व्यक्ति के नाम रिन्यूअल होना था और पर्यावरणीय स्वीकृति या खनन योजना प्राप्त नहीं रहने के कारण रुका हुआ था, उसको 30 मार्च 2020 तक के लिए अवधि विस्तार दी जा सकती है, बशर्तें पट्टेधारी द्वारा पट्टा विलेख के शर्तों व नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया हो और अनुमोदित खनन योजना और पर्यावरणीय स्वीकृति दाखिल कर दिया गया हो. बालू घाट के लिए तय नियम के तहत ग्राम पंचायत के लिए नीलामी की प्रक्रिया अपनाने को कहा गया है, जिसके लिए पांच साल के लिए आवंटन किया जा सकता है. आवंटित एरिया का सीमांकन करने को भी कहा गया है ताकि उसके बाहर किसी तरह का उत्खनन नहीं किया जा सके. पत्थरों के लिए अलग से नियम लागू किया गया है, जिसके तहत यह 5 हेक्टेयर यानी 12.36 एकड़ से कम नहीं होगा. पांच साल के लिए ही यह आवंटन किया जायेगा. वन भूमि, पर्यटकीय स्थल या पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खनन नहीं किया जायेगा.