वहीं अस्पताल में हंगामा की खबर मिलने के बाद टीएमएच के सुरक्षाकर्मी और बिष्टुपुर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामला को शांत कराया गया. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा गया. वहीं टाटा स्टील के कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के सीनियर मैनेजर अमरेश सिन्हा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि दो अक्तूबर को हरिओम को नाजुक स्थिति में होने के बाद एचडीयू में भर्ती कराया गया था. भर्ती करने के दौरान मरीज के परिजनों को उसकी नाजुक स्थिति के बारे में जानकारी दे दी गयी थी. इस दौरान उसके इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई. परिजनों द्वारा अस्पताल परिसर में हंगामा मचाने ने एचडीयू में भर्ती 30 मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. डॉक्टर व नर्स भयभीत हैं.
शहरवासियों से इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करने की अपील की है, ताकि टीएमएच के डॉक्टर बिना डर के भविष्य में मरीजों का इलाज कर सकें. वहीं हरिओम के परिवार के लोगों ने बताया है उनकी मंशा कुछ गलत करने की नहीं थी. रविवार को अज्ञात स्कॉर्पियो ने बाइक सवार गौतम दास और हरिओम को धक्का मार दिया था. जिसमें गौतम दास की पहले ही मौत हो गयी थी, जबकि हरिअोम का टीएमएच में इलाज चल रहा था.