दो पहिया, तीन पहिया, अग्निशामक वाहन, एंबुलेंस, पुलिस गाड़ी, यात्रियों और उनके सामान ढोने के लिए उपयोग में आनेवाले चारपहिया वाहन, जिसमें बैठने की क्षमता चालक समेत आठ लोगों से अधिक हो, उसमें स्पीड गवर्नर जरूरी नहीं है, जबकि ट्रक-ट्रेलर, डंपर, टैंकर, वैसी बसें, जिनका उपयोग स्कूल में होता हो और इनका निर्माण एक अप्रैल 2016 के बाद का हो, उन्हें गवर्नर लगाने की बाध्यता होगी. एक अक्तूबर से झारखंड में इसे प्रभावी किया जाना था, लेकिन अब 31 अक्तूबर का अंतिम समय में इसमें प्रदान किया गया है. पिछले दिनाें हाई काेर्ट में बीके नारायण की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वैसे पुराने वाहनों को, जिनमें स्पीड गवर्नर लगाना जरूरी है, उन्हें 31 अक्तूबर तक वाहनाें में इन्हें लगाने की छूट प्रदान की है. साथ ही बिना स्पीड गवर्नर वाली गाड़ियों के निबंधन पर लगाई गयी रोक को जारी रखा है.
राज्य सरकार ने 18 फरवरी 2016 को आदेश निकाला था कि अब बिना स्पीड गवर्नर के वाहनों का निबंधन नहीं होगा. हाइकोर्ट ने व्हीकल रूल्स के तहत राज्य में बिना स्पीड गवर्नर वाले स्पेसिफाइड वाहनों के निबंधन पर एक अगस्त से रोक लगा दी है. वैसे वाहन जिनकी उत्पादन एक अक्तूबर 2015 या उसके बाद का है, उनका निबंधन अब बिना स्पीड गवर्नर लगाये नहीं हाेगा.