दोनों बच्चों के शव को देर शाम परिवार के लोग अपने घर लेकर चले गये. घटना की जानकारी के बाद नामोटोला का माहौल गमगीन हो गया. राघव के पिता सुमन सिंह बिलासपुर में काम करते हैं. वे बिलासपुर से शहर के लिए रवाना हो चुके हैं. इधर, परसुडीह थाना प्रभारी शंकर ठाकुर ने नामोटोला पहुंचकर मामले की छानबीन की.
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सुवर्णरेखा कैनाल में दो बच्चे डूबे
जमशेदपुर: परसुडीह के नामोटोला में सुवर्णरेखा परियोजना की निर्माणाधीन नहर में खेलते हुए दो बच्चे डूब गये. घटना शाम पांच बजे की है. मरने वालों में राजदीप सिंह उर्फ राघव पौने तीन साल का है, जबकि दीपांशु बेलाई साढ़े नौ वर्ष का है. दीपांशु सुंदरनगर स्थित स्प्रिंग फ्लावर स्कूल में कक्षा तीन का छात्र था. […]
जमशेदपुर: परसुडीह के नामोटोला में सुवर्णरेखा परियोजना की निर्माणाधीन नहर में खेलते हुए दो बच्चे डूब गये. घटना शाम पांच बजे की है. मरने वालों में राजदीप सिंह उर्फ राघव पौने तीन साल का है, जबकि दीपांशु बेलाई साढ़े नौ वर्ष का है. दीपांशु सुंदरनगर स्थित स्प्रिंग फ्लावर स्कूल में कक्षा तीन का छात्र था. दोनों को कैनाल से निकालकर पहले कांतिलाल अस्पताल और उसके बाद टीएमएच ले जाया गया. लेकिन दोनों अस्पतालों में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
20 से 22 फीट गहरी है. कैनाल का निर्माण काफी दिनों से चल रहा है. बारिश की वजह से कैनाल में पानी भरा है. कैनाल के दोनों तरफ किसी भी तरह का कोई सुरक्षा घेरा नहीं बनाया गया है.
बाइक से बच्चों को लेकर भागे अस्पताल
युवकों के मुताबिक कैनाल में डूबे दोनों बच्चों को बारी-बारी से निकालने के बाद बाइक से इलाज के लिए लेकर अस्पताल भागे. बच्चे को पहले परसुडीह के चिकित्सक ठाकुर और फिर सुंदरनगर के डॉ हांसदा के पास ले गये. वहां बच्चों को मृत घोषित कर दिया, लेकिन युवकों ने आस नहीं छोड़ी. बच्चों को कांति लाल अस्पताल ले गये, लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने जवाब दे दिया, अंत में टीएमएच ले गये लेकिन वहीं भी वही जवाब मिला.
पहले राघव डूबा, बचाने गये दीपांशु की भी गयी जान
राघव शाम को घर पर था. तभी उसके पड़ोस का एक बच्चा और दीपांशु आये. इसके बाद तीनों खेलने के लिए घर से कुछ दूरी पर निर्माणाधीन नहर की तरफ चले गये. खेलने के क्रम में पहले राघव डूबा. उसे बचाने के लिए दीपांशु कैनाल में घुसा. देखते-देखते दोनों डूब गये. दीपांशु के साथ गया उसका दोस्त, जिसकी उम्र 10 वर्ष है, घर की और दौड़ा. बच्चे को भागता देख सुंदरनगर के डबू ठेकेदार की पत्नी ने उसे रोका. बच्चे ने महिला को सारी बात बतायी. इसके बाद महिला के शोर से आसपास के युवक जुटे. युवकों ने कैनाल के अंदर घुसकर दोनों बच्चों की तलाश शुरू की. इसी बीच राजदीप का शव तैरता नजर आया. लोगों ने उसे बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल लेकर भागे. कुछ युवक दीपांशु को खोजने कैनाल के अंदर घुसे. आधे घंटे तक खोजबीन के बाद एक युवक का पैर दीपांशु के पैर से टकराया. इसके बाद उसे कैनाल से बाहर निकालकर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
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