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निजी स्कूल के बीपीएल बच्चों के लिये 79 लाख
जमशेदपुर : जमशेदपुर के निजी स्कूल प्रबंधकों के लिए अच्छी खबर है. पिछले पांच साल से निजी स्कूलों का बकाया फंड सरकार ने रिलीज कर दिया है. सरकार की अोर से निजी स्कूलों के लिए कुल 79 लाख 10 हजार 100 रुपये का आवंटन पूर्वी सिंहभूम जिले को किया गया है. इसी सप्ताह सभी निजी […]
जमशेदपुर : जमशेदपुर के निजी स्कूल प्रबंधकों के लिए अच्छी खबर है. पिछले पांच साल से निजी स्कूलों का बकाया फंड सरकार ने रिलीज कर दिया है. सरकार की अोर से निजी स्कूलों के लिए कुल 79 लाख 10 हजार 100 रुपये का आवंटन पूर्वी सिंहभूम जिले को किया गया है.
इसी सप्ताह सभी निजी स्कूलों को गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों के पठन-पाठन को लेकर बकाये फीस की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा. सरकार की अोर से राज्य के निजी स्कूलों में गरीब व अभिवंचित वर्ग के बच्चों के एडमिशन के लिए फीस के रूप में 425 रुपये मासिक, जबकि सालाना 5100 रुपये तय किया गया है. इस राशि के आधार पर ही फंड जारी किया गया है.
चार साल की भेजी गयी है राशि : अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून राज्य में लागू किये जाने के बाद गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में लिया गया. लेकिन इस एवज में सरकार से निजी स्कूलों को अब तक एक रुपया भी नहीं मिला था. सरकार ने पांच साल का (2011-2015) बकाया क्लियर करते हुए आवंटन दे दिया है.
स्कूलों से मांगी गयी थी सूची : पिछले दिनों शहर के निजी स्कूलों को एक पत्र लिखा गया था. इसमें ऐसे बच्चों की सूची जमा करने को कहा गया, जिनका दाखिला अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत किया गया है. जिन स्कूलों ने भी सूची उपलब्ध करवायी है, उन्हें फंड दिया जायेगा.
425 रुपये स्वीकार नहीं करेंगे निजी स्कूल : बेली
जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष बेली बोधनवाला ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों से बात किये बिना मासिक फीस तय कर दी गयी है. अच्छा यह होता कि इससे पहले सरकार अौर प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधि सामूहिक रूप कोई निर्णय लेते. हमें अपना पक्ष रखने का मौका मिलता. 425 रुपये काफी कम है. पिछले बैठक में ही मैंने सारे स्कूलों के प्रबंधकों को कहा था कि यह स्वीकार्य नहीं होगा. 425 रुपये नहीं लिया जायेगा.
अल्पसंख्यक स्कूलों को भी मिलेगा फंड
राज्य में आरटीइ लागू होने के बाद तत्कालीन डीएसइ सुशील कुमार के समय लोयोला, कॉन्वेंट व कारमेल जैसे अल्पसंख्यक निजी स्कूलों ने भी गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला लिया था. हालांकि इसके बाद दाखिला लेने से इनकार कर दिया गया था. दो साल तक जिस गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चे का एडमिशन अल्पसंख्यक स्कूलों में लिया गया है, उन बच्चों के एवज में भी फंड दिया जायेगा.
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