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कोषागार: मार्च में जमशेदपुर से 333 करोड़ व घाटशिला से 134 करोड़ की हुई निकासी, अंतिम दिन 35.63 करोड़ निकासी

जमशेदपुर: वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंतिम दिन पूर्वी सिंहभूम के कोषागार (जमशेदपुर व घाटशिला) से 35.63 करोड़ रुपये की निकासी हुई. अंतिम दिन कोषागार से लगभग 31 करोड़ रुपये एवं घाटशिला उप कोषागार से 4.55 करोड़ रुपये की निकासी हुई. मार्च माह (1 से 31 मार्च तक) में पूर्वी सिंहभूम जिले में 466 करोड़, 89 […]

जमशेदपुर: वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंतिम दिन पूर्वी सिंहभूम के कोषागार (जमशेदपुर व घाटशिला) से 35.63 करोड़ रुपये की निकासी हुई. अंतिम दिन कोषागार से लगभग 31 करोड़ रुपये एवं घाटशिला उप कोषागार से 4.55 करोड़ रुपये की निकासी हुई.
मार्च माह (1 से 31 मार्च तक) में पूर्वी सिंहभूम जिले में 466 करोड़, 89 लाख, 19 हजार 222 रुपये की निकासी हुई, जिसमें जमशेदपुर में 333 करोड़ रुपये तथा घाटशिला कोषागार से 134 करोड़ रुपये की निकासी हुई. पूरे मार्च माह में पूर्वी सिंहभूम जिले के दोनों कोषागार से 5111 विपत्र पारित किये गये, जिसमें से जमशेदपुर में 3776 अौर घाटशिला में 1335 विपत्र हैं. अंतिम दिन जमशेदपुर कोषागार से 441 अौर घाटशिला से 124 विपत्र पारित किये गये.
शाम पांच बजे के बाद कोषागार में छाया सन्नाटा. हर वर्ष देर रात तक कोषागार में भीड़ रहती थी अौर विपत्र जमा करने के लिए होड़ मची रहती थी वहीं इस साल वित्त विभाग के नये नियम से जमशेदपुर कोषागार में शाम पांच बजे तक सन्नाटा छा गया. अंतिम दिन कोषागार के सभी कर्मी -पदाधिकारी व्यस्त थे. विभागों से आवंटन के आधार पर निकासी का विपत्र कोषागार में जमा किया जा रहा था अौर कोषागार में जांच-पड़ताल कर अॉन लाइन एडवाइस बिष्टुपुर एसबीआइ भेजा जा रहा था.

अंतिम दिन विपत्र पास कराने के लिए कोषागार में भीड़ नहीं के बराबर थी. कोषागार पदाधिकारी दीपक वर्मा, कोषागार के वरीय प्रभारी पदाधिकारी (एसअोआर) बिंदेश्वरी तातमा तथा कोषागार के सभी कर्मचारी कार्यालय में मौजूद थे, लेकिन एक भी विपत्र लंबित नहीं था, उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने शाम पौने छह बजे कोषागार का दौरा कर निकासी का जायजा लिया. बिष्टुपुर स्थित एसबीआइ के सहायक महाप्रबंधक राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे के पूर्व कोषागार से विपत्र भेजना बंद होने की रिपोर्ट दे दी गयी.

शाम पांच बजे आया वित्त विभाग का एनअोसी. समाज कल्याण विभाग के विवेकानंद निशक्त प्रोत्साहन भत्ता,मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, किशोरी शक्ति योजना समेत अन्य योजना की राशि वित्त विभाग के 15 प्रतिशत के पेंच में फंस गयी थी. समाज कल्याण पदाधिकारी ने उपायुक्त के माध्यम से वित्त सचिव को पत्र भेज कर पेंच से राहत देने की मांग की थी. वित विभाग से पूरी राशि निकासी का अनुमति पत्र गुरुवार की शाम पांच बजे भेजा गया, जिसके बाद आदेश को कोषागार में भेजा गया अौर राशि की निकासी हो सकी. वित्त विभाग के 15 प्रतिशत की पेंच में कई विभागों की राशि फंसी थी. कई विभागों को वित्त विभाग से राहत नहीं मिली अौर 15 प्रतिशत राशि की ही निकासी हो सकी.
दो बजे तक विपत्र लेने का आदेश, आवंटन उसके बाद आया. वित्त विभाग द्वारा 31 मार्च को दिन के दो बजे तक ही 30 एवं 31 मार्च के आवंटन का विपत्र जमा लेने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कई विभागों को आवंटन दो बजे के आसपास या उसके बाद आया. कल्याण विभाग को स्कूल छात्रवृत्ति के लिए 30 एवं 53 लाख का आवंटन लगभग सवा एक बजे आया. इसी तरह घाटशिला में चौकीदार-दफादार के वेतन का आवंटन काफी विलंब से आया.

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