जमशेदपुरः भारतीय बैंकिंग कोड एवं मानक बोर्ड के बैंक की प्रतिबद्धता के कोड में साफ उल्लेख है कि ग्राहक जो दस्तावेज हस्ताक्षर कर बैंक को देते हैं, उनकी छाया प्रति हर हाल में उन्हें उपलब्ध करानी है, लेकिन बैंक ऐसा नहीं करते हैं.
लोन देने के दौरान बैंक ग्राहक से सैकड़ों पन्नों पर हस्ताक्षर करा लेता है, बाद में विवाद पैदा होने पर ग्राहक उन पर आपत्ति जताता है. ग्राहक को फोटो कॉपी लेने का पूरा अधिकार है, ताकि यदि कभी विवाद हो तो वह अपने पास मौजूद दस्तावेज को आधार बनाकर अपनी लड़ाई लड़ सके.
बैंक में खाता खुलवाने गया ग्राहक मांगे गये दस्तावेज को सहसा उपलब्ध करा देता है. बैंक को भी अपने ग्राहक को बताना चाहिए कि मांगे जा रहे दस्तावेज का क्या इस्तेमाल है.
ग्राहकों के प्रति बैंक की प्रमुख प्रतिबद्धता
|ग्राहक के साथ बैंक के सभी व्यवहारों में निष्पक्षता तथा न्यायसंगत तरीका अपनाना.
|बैंक के काउंटर पर नगदी/चेक की प्राप्ति तथा भुगतान की न्यूनतम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना.
|बैंक द्वारा प्रस्तुत उत्पादों तथा सेवाओं के लिए बैंक स्टाफ द्वारा अपनायी जा रही क्रियाविधि तथा प्रथाओं में, कोड की प्रतिबद्धताओं तथा मानकों को पूरा करना.
|उत्पादों तथा सेवाओं के संबंध में, उन पर लागू शर्तों तथा ब्याज दरों/सेवा प्रभारों के संबंध में ग्राहक को साफ सूचना देना.
|ग्राहक का क्या लाभ है, ग्राहक लाभ कैसे उठा सकते हैं, उनके वित्तीय निहितार्थ क्या हैं, ग्राहकों के सवालों के बारे में किससे-कैसे संपर्क किया जा सकता है.
|खाते या सेवा के उपयोग में ग्राहक की सहायता.
|ग्राहक को नियमित रूप से यथोचित अद्यतन जानकारी देकर.
|चेक वसूली, शिकायत निवारण, क्षति पूर्ति, प्रतिभूति को फिर से कब्जे में लेना.
|कुछ गलत हो जाने पर जल्दी तथा सहानुभूति पूर्वक शीघ्र कार्रवाई करना.
|ग्राहक की व्यक्तिगत सूचना को गोपनीय रखना.
|भेदभाव रहित नीति अपनाना तथा उसका उपयोग करना.
|बैंक उम्र,जाति, लिंग, वैवाहिक स्थिति, धर्म या अशक्तता के कारण भेदभाव नहीं करेंगे.