यूथ दिवस पर प्रभात खबर का टॉक शो हेडिंग::: निजी स्कूलों का हो राष्ट्रीयकरण स्वामी विवेकानंद जयंती यानी यूथ डे पर प्रभात खबर में टॉक शो आयोजित किया गया. इसमें अलग-अलग स्कूल और कॉलेज के क्लास 11वीं से पीजी तक के छात्रों ने हिस्सा लिया. छात्रों ने युवाओं के लिए कैसा हो अखबार, शिक्षा व्यवस्था, शहर की प्रशासनिक व्यवस्था व राजनीतिज्ञ के तौर पर देश में सुधार जैसे मुद्दे पर चर्चा की. पेश है लाइफ @ जमशेदपुर की रिपोर्ट…खत्म हो सरकारी प्राइवेट स्कूल का भेदयुवाओं का मानना है कि सरकारी और प्राइवेट स्कूल का भेद खत्म होना चाहिए. देश में सभी स्कूल एक समान हो. सरकारी स्कूलों का नेशनलाइजेशन (राष्ट्रीयकरण) होना चाहिए. इससे सभी स्कूल एक समान हो जायेंगे.कैसा हो यूथ का अखबार युवाओं ने इस मौके पर अखबार को अपने नजरिये से देखना चाहा. अगर वह अखबार के संपादक होते, तो क्या परिवर्तन करना चाहते? युवाओं ने कहा कि अखबार में एग्जाम डेट हाइलाइट होना चाहिए. रोजगार से जुड़ी जानकारियां अधिक हों. कुछ युवाओं को अखबार में बड़ी-बड़ी खबरें पढ़ना उबाऊ लगा. उन्होंने कहा कि खबरें ब्रीफ में और मुख्य बिंदु को हाइलाइट करते हुए हों. वह दुर्घटना की खबरें पिछले पन्ने पर देखना चाहते हैं. यूथ का हो अलग कॉलम युवाओं ने कहा कि अगर वे संपादक होते तो, अखबार में युवाओं के लिए अलग से कॉलम चलाते. इसमें युवा ताजा मुद्दे पर अपना व्यू साझा कर सकते. संपादकीय पेज में युवाओं के लिए जगह हो. युवा अखबार में कई कैरियर ऑप्शन भी देखना चाहते हैं. शिक्षा में हो परिवर्तन युवाओं का कहना था कि छात्र मैट्रिक या स्नातक करने के बाद प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं. इसकी तैयारी वह शुरुआत से करना चाहते हैं. इससे प्रतियोगिता परीक्षा को निकालना उनके लिए आसान होगा. स्कूलों में हो काउंसलिंग कई छात्रों को अपने लक्ष्य का पता ही नहीं होता. इसके उनकी काउंसिलिंग होनी चाहिए. युवा हर स्कूल में क्लास 6 से ही काउंसलिंग चाहते हैं. वह स्कूल-कॉलेज में प्रॉपर क्लास भी चाहते हैं. इंट्रेंस टेस्ट से मिले एडमिशन यूथ किसी भी अच्छे कॉलेज में एडमिशन नंबर नहीं प्रवेश परीक्षा के जरिये चाहते हैं. उनका मानना है कि कोल्हान विश्वविद्यालय में एवरेज मार्किंग होती है. इस वजह से छात्रों को कम अंक मिलते हैं. अच्छा है सेमेस्टर सिस्टमयुवाओं को कॉलेज में सेमेस्टर सिस्टम अच्छा लगता है. उनका मानना है कि इस बहाने उसकी अच्छी पढ़ायी हो जाती है. साल में एक या दो बार परीक्षा होने से उन्हें पढ़ायी के प्रति गंभीर नहीं होते. परीक्षा नजदीक आने पर पढ़ते हैं. समेस्टर सिस्टम होगा, तो वह लगातार पढ़ सकेंगे. प्रशासनिक व्यवस्था भी हो बदलाव यूथ रफ ड्राइविंग और हेलमेट नहीं पहनने को लेकर काफी स्ट्रिक्ट दिखे. वह शिविर लगाकर इसके लिए लोगों को जागरूक करना चाहते हैं. महिलाओं और लड़कियों की छेड़खानी रुके इसके लिए लगातार पेट्रोलिंग होनी चाहिए. सीसीटीवी कैमरा लगे. जेब्रा क्रॉसिंग का पालन हो. दर्ज हो एफआइआरआज पुलिस जल्दी एफआइआर दर्ज नहीं करती. इस नियम का पालन होना चाहिए. अब ऑनलाइन एफआइआर दर्ज हो रही है. अच्छा हो पब्लिक ट्रांसपोर्ट युवाओं का कहना था कि शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेकार है. इससे अच्छा करने की जरूरत है. वह डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए कुछ करना चाहते हैं. भ्रष्टाचार कम हो राजनीति में आने पर युवा सबसे पहले देश से भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं. वह कृषि को विकसित करना चाहते हैं. इसे रोजगार से जोड़ना चाहते हैं. इसमें रोजगार मिलेगा तो इससे युवा जुड़ सकेंगे. आज युवा कृषि से दूर भाग रहे हैं.महिलाओं को मिले आरक्षण युवा राजनीति में महिलाओं को आरक्षण देना चाहते हैं, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं राजनीति में आ सकें. उनके आने से राजनीति में सुधार होगा. कोट मैं सभी अस्पतालों को नेशनलाइजेशन करना चाहता हूं, ताकि प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों का भेद मिट सके और सभी अस्पताल में एक समान इलाज हो. – ऋतिक कुमार सिंह, क्लास 11 डीएवी स्कूल, बिष्टुपुर अखबार में यूथ के लिए अलग कॉलम होना चाहिए. इसमें यूथ लेटेस्ट मुद्दे पर अपना व्यू शेयर कर सकेंगे. – शिवांगी कुमारी पांडेय, क्लास 11, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को विश्वविद्यालय में एवरेज मार्किंग होती है. छात्रों को आंशरशीट दिखाया जाना चाहिए. सही उत्तर होने पर उचित अंक मिलना चाहिए. – ज्योति दास, ग्रेजुएट कॉलेज डिजास्टर मैनेजमेंट की दिशा में काम होना चाहिए. ऐसा होने संकट कालीन स्थिति में लोगों को बचाया जा सकेगा. – अभिलाषा रोही, क्लास 11 विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को किसे कौन विषय पढ़ना है, इसका डिसीजन शुरुआत में ही हो जाना चाहिए. इससे छात्र विषय पर अधिक पकड़ बना सकेंगे. – किसन कुमार, क्लास 11, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को नदियां साफ रहें, इस दिशा में काम करने की जरूरत है. इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा. – राधेश्याम, पीजी, कोऑपरेटिव कॉलेज शहर में ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था होनी चाहिए. इसका पालन भी होना चाहिए. इससे दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी. – निशांत पांडेय, एनसीसी कैडेट, कोऑपरेटिव कॉलेज छात्रों को क्लास में ही प्रतियोगिता परीक्षा की जानकारी देनी चाहिए. इसकी तैयारी भी होनी चाहिए. – राहुल बाउरी, स्टूडेंट, एबीएम कॉलेज समेस्टर सिस्टम अच्छा है. इससे छात्रों को पढ़ने का मौका मिलता है. – खुशबू लांबा, स्टूडेंट, ग्रेजुएट कॉलेजट्रैफिक संबंधी नियम पालन के लिए सार्वजनिक जगहों पर बैनर लगना चाहिए. – कृष्णा बाउरी, स्टूडेंट, एबीएम कॉलेज यूथ को एम (लक्ष्य) का पता नहीं होता. इसके लिए काउंसलिंग जरूरी है. – राजा, स्टूडेंट, वर्कर्स कॉलेज
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