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फ्लैग::: नृत्य-संगीत की सतरंगी छटा बिखेर संपन्न हुआ ‘नवोदित महोत्सव’हेडिंग:::संयोग-वियोग में डूबते-उतराते रहे कलाप्रेमी (फोटो ऋषि की होगी)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर पूर्व क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ‘नवोदित महोत्सव’ पूर्वी भारत की विविध संगीत एवं नृत्य शैलियों की सतरंगी छटा बिखेरते हुए सोमवार को संपन्न हो गया. तीसरे दिन कुल […]

फ्लैग::: नृत्य-संगीत की सतरंगी छटा बिखेर संपन्न हुआ ‘नवोदित महोत्सव’हेडिंग:::संयोग-वियोग में डूबते-उतराते रहे कलाप्रेमी (फोटो ऋषि की होगी)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर पूर्व क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ‘नवोदित महोत्सव’ पूर्वी भारत की विविध संगीत एवं नृत्य शैलियों की सतरंगी छटा बिखेरते हुए सोमवार को संपन्न हो गया. तीसरे दिन कुल सात कलाकारों की प्रस्तुतियां हुईं, जिन्होंने कलाप्रेमियों को आश्वस्त किया कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर इन कलाकारों के यहां न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि संरक्षित एवं संवर्धित भी हो रहा है. नवोदित महोत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत मुख्य अतिथि इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट (आइएसडब्ल्यूपी) के प्रबंध निदेशक नीरज कांत के हाथों दीप प्रज्वलन के साथ हुई. पहली प्रस्तुति रही बंगाल की भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका मीनाक्षी कर्माकर की, जिन्होंने राग बागेश्वरी में अपनी सुंदर प्रस्तुति से सबका मन मोहा. समारोह के दूसरे कलाकार के रूप में आये सरायकेला के उभरते छऊ नर्तक राजेश गोप ने अपनी प्रस्तुति ‘सागर’ में अपनी नृत्य कला के जरिये समुद्र में उठती लहरों एवं तरंगों, सागर में होने वाली हलचलों की बखूबी प्रस्तुति की. राजेश ने छऊ जैसी नृत्य शैली में सागर की लोल लहरों की अठखेलियों को प्रदर्शित करने का जो हुनर दिखाया, उसकी सबने सराहना की. तीसरी कलाकार के रूप में आयीं जमशेदपुर की कथक नृत्यांगना पूजा पॉल की एक के बाद एक तीन प्रस्तुतियों ने सबको तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. वल्लभाचार्य की प्रसिद्ध रचना ‘कृष्णाष्टकम’ से आरंभ हुई उनक नृत्य प्रस्तुति तराना की पेशकश के साथ संपन्न हुई. कोलकाता से आये मनजीत साहा ने भरत नाट्यम् में शिव कीर्तनम् की प्रस्तुति में नृत्य के माध्यम से भगवान शिव की आराधना प्रस्तुत की आदि तालम एवं हमस राग में निबद्ध इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भरतनाट्यम की बारीकियों से अभिभूत किया. इसके बाद आये मणिपुरी के ख्यात नर्तक तंगराम रोनाल्ड ने कविवर जयदेव रचित गीत गोविंद से कृष्ण विरह की कथा प्रस्तुत की. राधा के वियोग में श्रीकृष्ण की दशा का बखूबी प्रदर्शन कर रोनाल्ड ने सबका मन मोह लिया. मणिपुरी नृत्य के लास्य में जयदेव की पद माधुरी के सम्मिलन ने सुधी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. समारोह की अगली प्रस्तुति लेकर आयीं कोलकाता की कथकली नृत्यांगना अर्पिता राय ने दर्शकों को पूर्वी भारत से सीधे केरल की वादियों में पहुंचा दिया. कथकली के माध्यम से उन्होंने श्रीकृष्ण-द्रौपदी संवाद की प्रस्तुति की, जिसे दर्शक देखते ही रह गये. समारोह की अंतिम प्रस्तुति रही बंगाल के गौड़ीय कलाकार अविजित कुंडू की प्रस्तुति की, जिसमें उन्होंने गौड़ीय भक्तों की कृष्ण भक्ति की अभिव्यक्ति से समारोह को भक्तिमय वातावरण में पहुंचा दिया. इस प्रकार पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के सौजन्य से आयोजित उक्त समारोह ने आज विराम लिया.

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