13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एडहॉक व इनचार्ज के भरोसे चल रहा झारखंड का वश्विवद्यिालय व कॉलेज

एडहॉक व इनचार्ज के भरोसे चल रहा झारखंड का विश्वविद्यालय व कॉलेजजमशेदपुर : झारखंड हाईकोर्ट ने भले ही नीलांबर पितांबर विश्वविद्यालय को लेकर तल्ख टिप्पणी दी हो कि एडहॉक व इनचार्ज के भरोसे विश्वविद्यालय चलाये जा रहे है, जो कभी नहीं चल सकता है. हाईकोर्ट की यह टिप्पणी हर विश्वविद्यालय के लिए फिट बैठती है. […]

एडहॉक व इनचार्ज के भरोसे चल रहा झारखंड का विश्वविद्यालय व कॉलेजजमशेदपुर : झारखंड हाईकोर्ट ने भले ही नीलांबर पितांबर विश्वविद्यालय को लेकर तल्ख टिप्पणी दी हो कि एडहॉक व इनचार्ज के भरोसे विश्वविद्यालय चलाये जा रहे है, जो कभी नहीं चल सकता है. हाईकोर्ट की यह टिप्पणी हर विश्वविद्यालय के लिए फिट बैठती है. हालात यह है कि राज्य के सारे विश्वविद्यालयों में सिर्फ प्रभार के भरोसे सारे कॉलेज समेत तमाम पदों पर लोगों को रखे गये है और उसके भरोसे ही पूरी शिक्षा व्यवस्था चल रही है. यह हालात उच्च शिक्षा की है. प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल तक की शिक्षा तो पहले से ही यहीं हालात है. कोल्हान विश्वविद्यालय सबसे ज्यादा पिछड़ाकोल्हान विश्वविद्यालय इस मामले में सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है. इस विश्वविद्यालय के अधीन कुल 14 मान्यता प्राप्त कॉलेज है. इसमें से सिर्फ एक कॉलेज चांडिल के सिंहभूम कॉलेज में ही स्थायी प्राचार्य है. उसके अलावा तमाम कॉलेजों में प्रोफेशर इनचार्ज की ही पोस्टिंग की गयी है. यहां पहले वीमेंस कॉलेज में डॉ शुक्ला मोहंती स्थायी प्राचार्य थी, जिनको प्रति कुलपति बना दिया गया तब से वहां प्रभारी प्राचार्य है जबकि को-ऑपरेटिव कॉलेज में आरके दास के बाद कोई भी स्थायी प्राचार्य की पोस्टिंग नहीं की गयी है. कोल्हान में कुल 22 प्रोफेशरों का पद खाली पड़ा हुआ है, जिसको भरा नहीं जा सका है. यहां रिडर के रुप में 44 पद रिक्त है, जिसको लेकर कोई कदम तक नहीं उठाये गये है. 632 लेक्चरर के पद है, जिसमें से 313 लेक्चरर कार्यरत है जबकि 319 लेक्चरर के पद खाली पड़े हुए है. रांची विश्वविद्यालय के कॉलेज भी इनचार्ज भरोसेएक आरटीआइ के तहत दी गयी सूचना के मुताबिक रांची विश्वविद्यालय के अधीन कुल 15 मान्यता प्राप्त कॉलेज है. इसमें से चार कॉलेजों में भी स्थायी प्राचार्य है जबकि 11 प्रोफेशर इनचार्ज के भरोसे ही काम चल रहा है. वहां भी स्थायी प्राचार्य की पोस्टिंग नहीं की गयी है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय में 200 पद रिक्तहजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय में करीब 200 पद रिक्त है. कुल 20 कॉलेज वहां है, जिसमें से आठ में स्थायी प्राचार्य की पोस्टिंग की गयी है जबकि 12 कॉलेजों में प्रोफेशर इनचार्ज है. इस विश्वविद्यालय में सारे पदों को लेकर कुल 710 पद है, जिसमें से कुल 550 पदों को भरा गया है जबकि शेष सारे खाली पड़े हुए है. सिद्धू कान्हू विश्वविद्यालय में सिर्फ दो स्थायी प्राचार्यहालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आदिवासियों के इस राज्य में सर्वाधिक आदिवासी समुदाय के लोग छोटानागपुर क्षेत्र में रहते है. वहां के सिद्धूु कान्हू विश्वविद्यालय में कुल 13 मान्यता प्राप्त कॉलेज है, जिसमें से दो में ही स्थायी प्राचार्य है जबकि शेष सारे 11 कॉलेजों में प्रोफेशर इनचार्ज की पोस्टिंग की गयी है. निलांबर पितांबर यूनिवर्सिटी में एक भी स्थायी प्राचार्य नहींनिलांबर पिताबंर विश्वविद्यालय में कुल चार कॉलेज है. उनके अधीन सारे कॉलेजों में एक भी ऐसे कॉलेज नहीं है, जहां स्थायी प्राचार्य की पोस्टिंग हुई हो. वहां भी प्रोफेशर इनचार्ज से ही काम ल रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें