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एक लाख से कम आय वालों का बीपीएल कोटे से दाखिला

एक लाख से कम आय वालों का बीपीएल कोटे से दाखिला – फिलहाल लाल कार्ड अौर 48,000 रुपये तक आय वाले को मिलता है लाभ- निजी स्कूलों में अधिक दाखिले के लिए गरीब अौर अभिवंचित वर्ग की परिभाषा बदलने जा रही सरकार संवाददाता, जमशेदपुर निजी स्कूलों में अब एक लाख रुपये से कम सालाना आय […]

एक लाख से कम आय वालों का बीपीएल कोटे से दाखिला – फिलहाल लाल कार्ड अौर 48,000 रुपये तक आय वाले को मिलता है लाभ- निजी स्कूलों में अधिक दाखिले के लिए गरीब अौर अभिवंचित वर्ग की परिभाषा बदलने जा रही सरकार संवाददाता, जमशेदपुर निजी स्कूलों में अब एक लाख रुपये से कम सालाना आय करने वाले के बच्चों का गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के तहत दाखिला लिया जायेगा. मानव संसाधन विकास विभाग ने यह निर्णय लिया है. अब निजी स्कूलों में गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के लिए आरक्षित 25 फीसदी सीटों पर एक लाख से कम आय वालों के बच्चों का दखिला होगा. फिलहाल 48,000 रुपये तक सालाना आय करने वालों को यह लाभ मिल रहा है. राज्य मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक दिल्ली में आरटीइ के अधीन आरक्षित सीटों के प्रस्तावों की समीक्षा कर रही हैं. इसके बाद इसे झारखंड में भी लागू किया जायेगा. ——फिलहाल चाहिए होता है लाल कार्ड राज्य में चार साल से अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून का पालन किया जा रहा है. निजी प्रबंधन की अोर से दाखिले के वक्त अभिभावकों से लाल कार्ड की मांग की जाती है, जबकि लाल कार्ड जिले में नहीं बना है. ज्यादा से ज्यादा एडमिशन हो, इसके लिए ब्लॉक से बनाये गये सालाना 48,000 रुपये तक का आय प्रमाण पत्र को माना जा रहा है. अब इसका दायरा बढ़ाया जायेगा. ——- आरक्षित सीटों पर दाखिले के लिए होगी लॉटरी इस बार बीपीएल अौर अभिवंचित वर्ग के उम्मीदवार डीएसइ के पास आवेदन करेंगे. आवेदन की स्क्रूटनी भी डीएसइ के स्तर से होगी. इसके बाद जिस पोषक क्षेत्र का विद्यार्थी होगा, उस पोषक क्षेत्र के स्कूलों के पास एडमिशन के लिए विभाग की अोर से भेजा जायेगा. उक्त बच्चे का एडमिशन हर हाल में सुनिश्चित किया जायेगा. उक्त स्कूल में तय सीट से ज्यादा बच्चे एडमिशन के लिए जायेंगे, तो उपायुक्त स्तर से बीपीएल, गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों की लॉटरी होगी. ———इस बार जिले में सिर्फ 14 फीसदी लक्ष्य पूर्वी सिंहभूम जिला इस बार (सत्र 2015-16) निजी स्कूलों में गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों के दाखिला के लक्ष्य का 14 फीसदी हासिल कर सका था. ——निजी स्कूलों को 4 साल से नहीं मिली है राशि राज्य में आरटीइ लागू होने के बाद गरीब अौर अभिवंचित बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में करने का आदेश दिया गया. इसके एवज में सरकार निजी स्कूलों को राशि देगी. काफी मशक्कत के बाद सरकार की अोर से तय किया गया कि प्रति विद्यार्थी 425 रुपये प्रति माह निजी स्कूल को दी जायेगी. हालांकि यह राशि लेने से शहर के निजी स्कूल प्रबंधन ने इनकार कर दिया है. अपनी मांगों से शहर के निजी स्कूल प्रबंधन ने झारखंड सरकार की मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव को भी अवगत करा दिया है. स्कूल प्रबंधन की अोर से प्रति छात्र करीब 1000 रुपये की मांग की जा रही है. निजी स्कूलों ने गुजरात, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों का हवाला दिया है. —–वीकर सेक्शन को परिभाषित करने का प्रयास : डीएसइ जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि एक लाख रुपये से कम सालाना आय करने वालों के बच्चों का दाखिला भी 25 फीसदी आरक्षित सीट के कोटे में किया जायेगा. वीकर सेक्शन की परिभाषा सालाना 1 लाख रुपये तक तय किया जा रहा है. इसके लिए एचआरडी सेक्रेटरी की अोर से फिलहाल दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए तय किये गये मापदंडों की समीक्षा की जा रही है. इसे अगले सत्र (2016-17) से लागू किया जायेगा.

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