बैकुंठ चतुर्दशी, पाषाण चतुर्दशी व ब्रह्म कुर्ज व्रत आजलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि को ब्रह्म कुर्ज, पाषाण चतुर्दशी एवं बैकुंठ चतुर्दशी पर्व मनाये जाते हैं. इस वर्ष ये सभी व्रत मंगलवार 24 नवंबर को हैैं. बैकुंठ चतुर्दशी : व्रत के लिए सूर्योदय व्यापिनी कार्तिक चतुर्दशी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि कर विश्वेश्वरी एवं विश्वेश्वर (माता लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु) का शोडषोपचार विधि से पूजन करना चाहिए. इस व्रत को करने से सुख, सौभाग्य, संपत्ति एवं सद्गति की प्राप्ति होती है. पाषाण चतुर्दशी : महिलाओं द्वारा किये जाने वाले पाषाण चतुर्दशी व्रत के लिए कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि को जौ के आटे के चोकर की रोटी बना कर माता गौरी का सविधि पूजन करें तथा उक्त रोटी को नैवेद्य के रूप में उन्हें अर्पित करें व उसी रोटी का एक सिर्फ एक बार भोजन करें. इस व्रत को करने से सुख-संपत्ति, सौभाग्य, सौंदर्य आदि की प्राप्ति होती है.ब्रह्म कुर्ज व्रत : पर्व के निमित्त कार्तिक चतुर्दशी तिथि को प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर उपवास का संकल्प लें. इसके बाद देवों एवं पितरों को तिल एवं जल से तृप्त करें. इसके बाद कपिला गो का मूत्र, कृष्णा गो का गोमय, श्वेत गो का दूध, पीली गाय का दही एवं चितकबरी गाय का घी लेकर सबको कपड़े से छान कर मिलायें एवं उसमें डाब का पानी मिला कर अगली सुबह ब्रह्म वेला मेें उसका प्राशन करें. इस व्रत को करने से पाप, ताप, रोग, दोष आदि दूर होकर हर प्रकार से बम व पौरुष आरोग्य की प्राप्ति होती है.
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बैकुंठ चतुर्दशी, पाषाण चतुर्दशी व ब्रह्म कुर्ज व्रत आज
बैकुंठ चतुर्दशी, पाषाण चतुर्दशी व ब्रह्म कुर्ज व्रत आजलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि को ब्रह्म कुर्ज, पाषाण चतुर्दशी एवं बैकुंठ चतुर्दशी पर्व मनाये जाते हैं. इस वर्ष ये सभी व्रत मंगलवार 24 नवंबर को हैैं. बैकुंठ चतुर्दशी : व्रत के लिए सूर्योदय व्यापिनी कार्तिक चतुर्दशी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि कर […]
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