छोटागोविंदपुर जलापूर्ति : सुवर्णरेखा में बनेगा छोटा बांध (दुबे 18, 19) – विश्व बैंक की टीम ने जांच के लिए मिट्टी का नमूना लिया- लुआबासा, घड़ी पार्क अौर हुड़को पहाड़ी के समीप स्थल निरीक्षण कियावरीय संवाददाता, जमशेदपुरविश्व बैंक की टीम ने मंगलवार को छोटागोविंदपुर जलापूर्ति के लिए चयनित स्थल का निरीक्षण किया. घड़ी पार्क स्थित फिल्टर प्लांट अौर लुआबासा इंटेकवेल के लिए सुवर्णरेखा नदी के किनारे स्थल देखा. यहां छोटा बांध बनाया जायेगा, ताकि सालभर जल मिलता रहे. नदी के उक्त पाइंट से पाइप लाइन से पानी लिया जायेगा. यहां से फिल्टर कर हुड़को पहाड़ी व अन्य जलमीनार में पानी पहुंचेगा. यहां से छोटागोविंदपुर व आस-पास जलापूर्ति की जायेगी. टीम में टी वेंकटेंश, पेयजल व स्वच्छता विभाग रांची के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार, विभाग एसडीओ सुशील टुडू, आइएलएंडएफएस एजेंसी के प्रतिनिधि मौजूद थे. ————–छोटागोविंदपुर जलापूर्ति : जलमीनार का स्थल बदलेगा – मुखिया ने चयनित स्थल पर पंचायत भवन बनाने का फैसला कियाजमशेदपुर. छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना के तहत गोबरा टोला में बनने वाली जल मीनार का स्थल बदला जायेगा. मुखिया समेत जनप्रतिनिधि ने चयनित स्थल पर पंचायत भवन बनाने का निर्णय लिया है. हालांकि अब जल मीनार कहां बनेगी, यह तय नहीं हुआ है. सात-आठ माह पूर्व शिलान्यास के समय गोबरा टोला में साढ़े पांच लाख लीटर क्षमता की जल मीनार के लिए स्थल चयन किया गया था. उस समय मुखिया समेत सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधि से सहमति ली गयी थी. चूंकि दो साल में छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना के तहत 23 पंचायतों के 127 गांवों की दो लाख आबादी को शुद्ध पानी की आपूर्ति होनी है. इसके तहत लुआबासा में इंटेकवेल, टेल्को घड़ी पार्क के समीप फिल्टर प्लांट का निर्माण और 93 किमी पाइपलाइन बिछाना है. हालांकि अब सात माह बाद मीनार का स्थल बदलने से योजना में देरी होना तय है. ————-मिनी जलापूर्ति योजना की स्थिति देखीजमशेदपुर. विश्व बैंक की टीम ने एनएच 33 से सटे नारगा, हुरलुंग, पोटका के हितकु स्थित गांव में प्रस्तावित सिंगल विलेज मिनी जलापूर्ति योजना का मंगलवार को निरीक्षण किया. इसके तहत डीप बोरिंग कर ऊंचाई स्थान पर बनी टंकी से 50 से 100 घरों में पाइपलाइन से जलापूर्ति की जानी है. टीम ने ग्रामीणों को मिलजुल जलापूर्ति की कमेटी गठित करने का सुझाव दिया. ————— बागबेड़ा जलापूर्ति : जल्दबाजी में बनी थी डीपीआरक्या असर पड़ा- शिलान्यास के सात माह बाद सोमवार को विश्व बैंक की टीम ने साढ़े छह लाख अौर साढ़े पांच लाख लीटर की क्षमता वाली जल मीनार के लिए 18-18 वर्गमीटर जमीन का प्रस्ताव रद्द किया.आगे क्या होगाअब बागबेड़ा की 21 पंचायत के 113 गांव में जलापूर्ति के लिए 35-35 मीटर वर्गफीट जमीन पर जल मीनार का निर्माण होगा. नये सिरे से जमीन का चयन कर प्रस्ताव बनाया जायेगा. वरीय संवाददाता, जमशेदपुरबागबेड़ा जलापूर्ति की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) जल्दबाजी में बनाने का मामला प्रकाश में आया है. योजना का शिलान्यास के सात माह बाद जलमीनार के लिए प्रस्तावित स्थल का आदेश रद्द कर दिया गया है. बागबेड़ा प्रधान टोला में साढ़े छह लाख लीटर क्षमता की जलमीनार के लिए चयनित स्थल में पंचायत भवन बनने से 18 वर्ग मीटर जगह बची थी. विश्व बैंक की टीम ने जगह को छोटा बताया. इसके बाद मतलाडीह पंप हाउस के पास 35 वर्ग मीटर जमीन देखी गयी. कीताडीह स्वास्थ केंद्र के समीप साढ़े पांच लाख क्षमता की जलमीनार बनाने के लिए 20 वर्गमीटर जमीन का चयन किया गया था, इसे भी टीम जगह छोटा बताया. इसके बाद 35 वर्ग मीटर जमीन कीताडीह गिरजा घर के समीप देखी गयी. इसी तरह घाघीडीह जेल के बगल में साढ़े पांच लाख लीटर क्षमता की जल मीनार बनाने के लिए 25 वर्गमीटर जमीन का चयन किया गया था, इस पर भी विश्व बैंक की टीम ने आपत्ति जतायी. वहां समीप स्थित रिमांड होम के सामने मैदान में 35 वर्गमीटर जमीन का चयन किया गया. घाघीडीह जेल के समीप पहाड़ी में फिल्टर प्लांट के लिए जगह चयन किया गया था. यहां सरना धर्म के लोग धार्मिक स्थल बनाकर फिल्टर प्लांट बनाने का विरोध कर रहे थे. उक्त स्थल बदलकर विश्व बैंक की टीम ने 95 वर्गमीटर नये जमीन का चयन करने का निर्देश दिया है. 133 गांव में जलमीनार सहित 80 किलोमीटर पाइप बिछाया जाना है. पीएचइडी : कार्यपालक अभियंता सुबोध का तबादला- बागबेड़ा व छोटागोविंदपुर जलापूर्ति के प्रोजेक्ट मैनेजर भी थेजमशेदपुर. झारखंड सरकार पेयजल स्वच्छता विभाग ने जमशेदपुर के कार्यपालक अभियंता सुबोध प्रसाद का तबादला कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सुरेश प्रसाद का तबादला रांची मुख्यालय (सीडीओ) कर दिया गया है. हालांकि मंगलवार तक जमशेदपुर में कार्यपालक अभियंता के पद पर किसी की पोस्टिंग नहीं की गयी है. निर्वाचन आयोग से क्लियरेंश के बाद पोस्टिंग की जायेगी. गौरतलब हो कि बागबेड़ा व छोटागोविंदपुर वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना में सुबोध प्रसाद प्रोजेक्ट मैनेजर भी थे. उनका तबादला होने से यह पद खाली हो गया है. इस कारण इन दोनों जलापूर्ति के कार्य अौर मॉनीटरिंग में दिक्कत होगी. मुख्यमंत्री नाराज थेमाना जा रहा है कि बागबेड़ा व छोटागोविंदपुर जलापूर्ति में सुस्ती अौर देर के कारण मुख्यमंत्री नाराज थे. मुख्यमंत्री ने 18 अप्रैल 2015 को बागबेड़ा के सिद्धो-कान्हू बस्ती में शिलान्यास कर दो वर्ष में दोनों जलापूर्ति योजना चालू करने की घोषणा की थी. सात माह बाद भी योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है. ———
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छोटागोविंदपुर जलापूर्ति : सुवर्णरेखा में बनेगा छोटा बांध (दुबे 18, 19)
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