जमशेदपुर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्षो से बंद पड़ी केबुल कंपनी को खुलवाने के लिए सरकार पहल करेगी. सरकार की ओर से इस मामले में एक सप्ताह के अंदर बायफर में इंटरवेनर पिटीशन दाखिल की जायेगी. केबुल कंपनी के खुल जाने से लोगों न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि पुराने मामलों का भी निबटारा होगा.
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री सोरेन ने कहा कि इस मामले में केबुल कंपनी के मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे आनंद बिहारी दुबे और आस्तिक महतो ने उन्हें विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी है. श्री सोरेन ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में यह मामला चल रहा है. कुछ स्वार्थी तत्व बायफर को गुमराह कर मजदूरों को भूखे मारने में लगे हुए हैं.
कंपनी का मुख्यालय कोलकाता होने के कारण बंगाल सरकार बायफर, दिल्ली में प्रतिभागी बनी हुई है और प्रत्येक सुनवाई में हिस्सा लेती है. उसी तरह पुणो की इकाई का दायित्व महाराष्ट्र सरकार निभा रही है. इसमें सरकार अपनी ओर से पक्ष दाखिल कर इस मामले में मजदूरों को न्याय दिलाने का काम करेगी. श्री दुबे ने बताया कि क्वालिटी उत्पादन का अवार्ड ले चुकी केबुल कंपनी 2000 से रुग्ण उद्योग के रूप में बायफर में लिस्टेड हो चुकी है. इस कारण इससे जुड़े परिवार आज दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं.