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जमशेदपुर में नौकरी पर संकट नहीं : नरेंद्रन

जमशेदपुर में नौकरी पर संकट नहीं : नरेंद्रन- यूरोप जैसी स्थिति नहीं, लेकिन संकट में सबका साथ जरूरी – उत्पादकता बढ़ाना जरूरी, भारत में स्टील की मांग है – टाटा स्टील के एमडी ने वर्तमान स्थिति को लेकर प्रभात खबर से बातचीत की ब्रजेश सिंह, जमशेदपुर स्टील उद्योग पूरे विश्व में संकट का सामना कर […]

जमशेदपुर में नौकरी पर संकट नहीं : नरेंद्रन- यूरोप जैसी स्थिति नहीं, लेकिन संकट में सबका साथ जरूरी – उत्पादकता बढ़ाना जरूरी, भारत में स्टील की मांग है – टाटा स्टील के एमडी ने वर्तमान स्थिति को लेकर प्रभात खबर से बातचीत की ब्रजेश सिंह, जमशेदपुर स्टील उद्योग पूरे विश्व में संकट का सामना कर रहा है. हालांकि टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में यूरोप जैसी खराब स्थिति नहीं है. इसका ये अर्थ भी नहीं है कि जमशेदपुर में टाटा स्टील के हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. इस समय हमें मिलकर स्टील उद्योग बचाने की कोशिश करनी है. उक्त बातें टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कही. प्रस्तुत है उनसे बातचीत का मुख्य अंश : सवाल : यूरोप में 1200 लोगों को नौकरी चली गयी, प्लांट बंद हो रहे हैं. क्या भारत में भी यही स्थिति है?एमडी : देखिये, यूरोप के बारे में हम अधिक नहीं बता सकते हैं, लेकिन जमशेदपुर प्लांट की स्थिति यूरोप जैसी नहीं है. भारत में जितना हम उत्पादन कर रहे हैं, उसे बेच पाने में कामयाब हो रहे हैं. यहां फिलहाल लोगों की नौकरियां सुरक्षित हैं, लेकिन प्रोडक्टविटी बढ़ाना जरूरी है. सवाल : भारत में स्थिति कैसी है?एमडी : स्टील उद्योग का बुरा हाल है. स्थिति काबू में करने के लिए केंद्र सरकार आवश्यक कदम उठा रही है. इसे और गति प्रदान करने की जरूरत है. भारत में हमारी कई प्रतिस्पर्धी कंपनियां बंदी के कागार पर हैं, तो कई कंपनियों में माल डंपिंग जैसी स्थिति है. हालांकि टाटा स्टील अपने कर्मचारियों, स्टेक होल्डर्स, बिजनेस पार्टनर और कस्टमर के भरोसे बेहतर स्थिति में है, परंतु पहले जैसी स्थिति नहीं है. सवाल : क्या यह अब तक का सबसे बड़ा संकट है?एमडी : देखिये, 1990 के दशक में भी संकट आया था. तब कंपनी को कई जरूरी कदम उठाने पड़े थे. इस समय 90 के दशक जैसा संकट तो नहीं है, लेकिन कमोवेश उससे बहुत कम है, यह भी नहीं कहा जा सकता है. स्थिति ऐसी है कि अगर अलर्ट नहीं हुए और जरूरी कदम नहीं उठाये गये, तो परिस्थितियां नियंत्रण से बाहर भी हो सकती हैं. जिसे नियंत्रित कर पाना मुश्किल होगा. सवाल : कब तक ऐसी स्थिति रहेगी और ऐसे हालात क्यों उत्पन्न हुए है?एमडी : विश्व बाजार की स्थिति यही है. स्टील की मांग घटी है. हालांकि भारत में इसकी खपत ज्यादा है. चीन लगातार इस सप्लाइ को भरने की कोशिश कर रहा है, जिसे रोकना जरूरी है. सवाल : इस मंदी का असर शहर पर भी पड़ेगा क्या?एमडी : टाटा स्टील लगातार सामाजिक दायित्व का निर्वहन करती आयी है और करती रहेगी. हर परिस्थितियों में संस्थापक के मार्ग का अनुसरण कंपनी ने की है. सवाल : इस संकट से ऊबरने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं?एमडी : टाटा स्टील मैनेजमेंट रणनीति के तहत कदम उठा रहा है. टाटा वर्कर्स यूनियन के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं. सफलता जरूर मिलेगी.

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