किताबों का पता नहीं और निकाल लिये गये यूजीसी के ~28 लाख संदर्भ : डॉ आरके दास प्रकरण में एक और खुलासावरीय संवाददाता, जमशेदपुरगोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज में पूर्व प्राचार्य डॉ आरके दास के कार्यकाल में वेतन मद के 25 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी के बाद एक और बड़ी वित्तीय अनियमितता प्रकाश में आयी है. यूजीसी से प्राप्त करीब 28 लाख रुपये का लेखा-जोखा नहीं है. जबकि फंड का विचलन कर राशि की निकासी की जा चुकी है. इस राशि से कॉलेज में न ही किताबों की खरीदारी की गयी है, न यूजीसी को इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपा गया है. कॉलेज ने पिछले दिनों इसकी जानकारी कोल्हान विश्वविद्यालय को दे दी है. 2003 से 2010 के दौरान मिला था अनुदानजानकारी के अनुसार पूर्व प्राचार्य डॉ दास के कार्यकाल में वर्ष 2003 से 2010 के बीच अलग-अलग वर्षों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से यह राशि कॉलेज को मिली थी. विभिन्न मद को दर्शाते हुए इस राशि की निकासी की गयी है. इसमें भी डॉ आरके दास समेत कॉलेज के तत्कालीन बर्सर व एकाउंटेंट की मिलीभगत बतायी जा रही है.कैसे हुआ खुलासापिछले 12 अक्तूबर को कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ एसबी तिवारी यूजीसी गये थे. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपा, तो उनसे वर्ष 2003 से 2010 तक 10वीं व 11वीं योजना के तहत किताबों की खरीदारी के लिए अनुदानित राशि के भी उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग की गयी. वहां से लौटने के बाद बैंक विवरण आदि की जांच की गयी, तो पता चला की निधि का विचलन कर बैंक एकाउंट से इस राशि की भी नकासी की जा चुकी है. इसके बाद विश्वविद्यालय को इसकी भी जानकारी दी गयी है.अब तक 70 लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितताइससे पूर्व डॉ दास के कार्यकाल में वेतन व विकास समेत के अन्य मद में करीब 70 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता प्रकाश में आ चुकी है. इस मामले में विश्वविद्यालय स्तर से जांच कराये जाने के बाद विभिन्न पक्षों की सुनवाई आदि की कार्रवाई चल रही है. कॉलेज में वेतन मद में 25,76,372 रुपये की अधिक निकासी का मामला प्रकाश में आ चुका है. इसके साथ ही विकास व अन्य मद के करीब 35 लाख रुपये की गड़बड़ी भी सामने आयी है. इस मामले में भी विश्वविद्यालय स्तर से कार्रवाई चल रही है.महालेखाकार ऑफिस दे चुका है अनियमितताओं की रिपोर्टडॉ दास के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में महालेखाकार कार्यालय द्वारा भी विश्वविद्यालय को जानकारी दी गयी है. विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किये गये आरोप पत्र में इसका उल्लेख है. बताया गया है कि वर्ष 2009-10 के अंकेक्षण के दौरान एजी (महालेखाकार) ऑडिट द्वारा अनेकों गंभीर अनियमितताओं के संबंध में प्रतिवेदन किया गया है.कर्मचारियों से प्रोस्पेक्टस व फीस की राशि की वसूलीदूसरी ओर, डॉ दास के कार्यकाल के दौरान ही कॉलेज में छात्रों से प्रोस्पेक्टस की कीमत व फीस के रूप में संग्रहित राशि 1 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी पायी गयी थी. इस मामले में विश्वविद्यालय के आदेश पर कॉलेज स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. जानकारी के अनुसार इसमें से कुछ राशि संबंधित शिक्षक-कर्मचारियों ने जमा कर दिये हैं. शेष राशि की वसूसी के लिए उन्हें नोटिस दिया गया है. यदि वे जमा नहीं करते हैं, तो उनके वेतन से कटौती की जायेगी.——————————————– वर्ष 2003 से 2010 के बीच यूजीसी से 10वीं व 11वीं योजना के तहत कॉलेज को करीब 28 लाख रुपये अनुदान प्राप्त हुआ था. यूजीसी में इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा गया तब मुझे इसकी जानकारी हुई. उसके बाद खोजबीन करने पर इस अनियमितता की जानकारी मिली. इससे अधिक मैं कुछ नहीं कह सकता. मैंने विश्वविद्यालय को इसकी जानकारी दे दी है.डॉ एसबी तिवारी, प्रभारी प्राचार्य, एबीएम कॉलेज
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किताबों का पता नहीं और निकाल लिये गये यूजीसी के प्त28 लाख
किताबों का पता नहीं और निकाल लिये गये यूजीसी के ~28 लाख संदर्भ : डॉ आरके दास प्रकरण में एक और खुलासावरीय संवाददाता, जमशेदपुरगोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज में पूर्व प्राचार्य डॉ आरके दास के कार्यकाल में वेतन मद के 25 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी के बाद एक और बड़ी वित्तीय अनियमितता प्रकाश में […]
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