वहीं दूसरे जिलों से मात्र एक हजार पुलिसकर्मियों ने जिले में योगदान दिया. इसी तरह झारखंड में रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) की दो कंपनी है, जिसका मुख्यालय सुंदरनगर में है. हर पर्व में एक कंपनी रांची और एक कंपनी हजारीबाग भेज दी जाती है. किसी भी पर्व में शहर में रैफ की तैनाती नहीं की जाती है. पर्व में जिला प्रशासन की मांग के बावजूद रैफ मुहैया नहीं कराया जाता है.
क्यूआर्टी, आइआरबी, आरएपी, जैप के भरोसे हर पर्व को शांतिपूर्वक पार कराया जाता है. ईद के बाद झारखंड के रैफ को पुरी रथ यात्रा की ड्यूटी में भेज दिया गया. इसके कारण सोमवार रात पथराव के बाद उत्पन्न तनाव की स्थिति के बावजूद रैफ जमशेदपुर नहीं पहुंचा. मानगो मंदिर चौक से थाना तक सोमवार की रात में फोर्स तैनात किया गया था. मंगलवार को जमशेदपुर बंद होने के कारण शहर के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में फोर्स तैनात किया गया. ऐसे में मानगो चौक और मंदिर चौक के सामने सीमित संख्या में पुलिसकर्मी बच गये. पुलिसकर्मियों की कम संख्या के कारण हिंसा पर उतारू लोगों को नियंत्रण में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दोपहर में सीआरपीएफ के जवानों के आने के बाद स्थिति धीरे-धीरे प्रशासन के नियंत्रण में आने लगी और शाम तक मामला शांत हुआ.