डॉ राजा धर के नाम से हैसंवाददाता, जमशेदपुर स्लीप एप्निया एक आम बीमारी है. लेकिन, कभी-कभी ज्यादा होने से मरीज की मौत तक हो जाती है. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति का नींद में श्वसन प्रवाह एक खास अंतराल पर करीब 10 सेकेंड के लिए रूक जाता है. नींद के दौरान सांस की नली में अवरोध पैदा होना इसका मुख्य कारण है. किसी भी व्यक्ति की सांस नींद में एक घंटा में 15 बार से अधिक रुकती है तो इसको गंभीर श्रेणी में रखा जा सकता है. ऐसी स्थिति में मरीज को दिल का दौरा पड़ सकता है. यहां तक कि उसकी मौत भी हो सकती है. उक्त बातें शनिवार को चमरिया गेस्ट हाउस में फोर्टिस अस्पताल कोलकाता के डॉ राजा धर ने पत्रकारों से बातचीत में कहीं. उन्होंने बताया कि यह बीमारी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होती है. जिस मरीज का सोते समय नाक बजता है, जो ज्यादा मोटे हैं उनको यह बीमारी ज्यादा होती है. ऐसे मरीजों को दिन में ज्यादा नींद आती है. झगड़ा ज्यादा करते हैं. कोई बाद याद नहीं रहती है. सांस रुकने के कारण ऑक्सीजन शरीर के अंदर नहीं पहुंच पाता है जिससे ब्लड प्रेशर, शूगर, हार्ट अटैक, लकवा जैसी बीमारी होने का डर बना रहता है. क्या है इलाज डॉ राजा धर ने बताया कि इसका सी पैप ही एक मात्र इलाज है. मरीज रात को सोते समय सी पैप को लगाकर सोता है तो उसको इससे काफी फायदा होता है. मरीज को इसको जिंदगी भर लगना पड़ेगा. इसके लगाने से ब्लड प्रेशर, शूगर, हार्ट अटैक व लकवा से मरीज काफी हद तक बच सकता है.
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पुरुषों को ज्यादा होती है स्लीप एप्निया बीमारी : डॉ राजा धर
डॉ राजा धर के नाम से हैसंवाददाता, जमशेदपुर स्लीप एप्निया एक आम बीमारी है. लेकिन, कभी-कभी ज्यादा होने से मरीज की मौत तक हो जाती है. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति का नींद में श्वसन प्रवाह एक खास अंतराल पर करीब 10 सेकेंड के लिए रूक जाता है. नींद के दौरान सांस की नली में […]
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