डॉ एनएन सिंहडायटीशियन, एमजीएम हॉस्पिटल छात्र चाहें तो डायटीशियन बन भी कैरियर संवार सकते हैं. मरीजों को स्वस्थ करने में डॉक्टर का तो बड़ा हाथ होता ही है, एक डायटीशियन की भी भूमिका कम नहीं होती. मरीजों को विभिन्न बीमारियों में वैज्ञानिक रूप से डायट एडवाइज देना डायटीशियन का काम है. इसमें जरा सी भी लापरवाही मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा असर कर सकता है. ऐसे में वह समय पर स्वस्थ नहीं हो सकेगा. इसके अलावा डायटीशियन मेडिकल और नर्सिंग छात्रों को आहार विज्ञान में प्रशिक्षण भी देता है. क्योंकि मरीजों की देखभाल इन्हीं के जिम्मे होती है. इस तरह देखा जाये तो यह काफी जिम्मेदारी भरा काम है. दवा तो मरीजों को स्वस्थ करती ही है भोजन भी महत्वपूर्ण होता है. डायटीशियन बनने के लिए न्यूनतम योग्यता बीएससी के साथ पीजी डिप्लोमा इन डायटेटिक्स रखा गया है. इसके लिए समय-समय पर भरती निकलती रहती है. लोकसेवा आयोग की अनुशंसा पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसकी नियुक्ति की जाती है.
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डायटीशिन बन संवारें भविष्य
डॉ एनएन सिंहडायटीशियन, एमजीएम हॉस्पिटल छात्र चाहें तो डायटीशियन बन भी कैरियर संवार सकते हैं. मरीजों को स्वस्थ करने में डॉक्टर का तो बड़ा हाथ होता ही है, एक डायटीशियन की भी भूमिका कम नहीं होती. मरीजों को विभिन्न बीमारियों में वैज्ञानिक रूप से डायट एडवाइज देना डायटीशियन का काम है. इसमें जरा सी भी […]
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