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रजिस्ट्री के बाद फंस रहा म्यूटेशन का पेंच
जमशेदपुर : जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद भी छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के नाम पर सैकड़ों जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) रोक दिया गया है. इसके बाद जमीन खरीदने वालों में ऊहापोह की स्थिति है. बताया जाता है कि रजिस्ट्री विभाग से जमीन की रजिस्ट्री कर दी जा रही है, जबकि अंचल कार्यालय में […]
जमशेदपुर : जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद भी छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के नाम पर सैकड़ों जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) रोक दिया गया है. इसके बाद जमीन खरीदने वालों में ऊहापोह की स्थिति है.
बताया जाता है कि रजिस्ट्री विभाग से जमीन की रजिस्ट्री कर दी जा रही है, जबकि अंचल कार्यालय में सीएनटी एक्ट के नाम पर म्यूटेशन नहीं किया जा रहा है. सीएनटी एक्ट को लेकर अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग कानून लागू होने से परेशानी बढ़ गयी है.
वहीं बैंकों से लोन भी नहीं मिल रहा है. इसे लेकर उपायुक्त से लेकर विभिन्न अधिकारियों से शिकायत की गयी है. सरकार की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने के कारण ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई है.
खतियान देखकर ही होगा म्यूटेशन : अंचलाधिकारी
सीओ मनोज कुमार ने बताया कि खतियान देखकर ही म्यूटेशन किया जायेगा. अगर खतियान में नाम सीएनटी एक्ट के अधीन वाले व्यक्ति का नाम दर्ज है, तो म्यूटेशन नहीं होगा. भले ही जमीन की रजिस्ट्री हो गयी हो. कानूनन यही सही है.
त्नबेचने वाला सीएनटी दायरे में नहीं, तो रजिस्ट्री संभव : रजिस्ट्रार. रजिस्ट्रार अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि सीएनटी के दायरे में आने वाली 52 जातियों को छोड़कर किसी भी जाति से संबंधित व्यक्ति जमीन की बिक्री करता है, तो रजिस्ट्री की जा रहीा है. किसी तरह का पुराना इतिहास नहीं देखने का आदेश है. इसमें कोई दिक्कत नहीं है.
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